-संडे रात को खाली हुए झकरकटी बस अड्डे पर मंडे को अफवाहों के चलते फिर लगी भीड़, पुलिस ने समझाकर भेजा वापस
- न मानने वालों के लिए लाठी का सहारा भी लेना पड़ा, घर जाने के जुनून में हाई वे पर भी ट्रकों और डीसीएम में लटके लोग
KANPUR: झकरकटी बस अड्डे से बसों का संचालन होने की अफवाह से मंडे सुबह कानपुर में रहने वाले दूसरे शहरों के सैकड़ों लोगों भी भीड़ घर जाने के लिए बस अड्डे पहुंच गई। अचानक भीड़ एकत्रित होने पर पुलिस ने अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कह घर वापस जाने की अपील की। अपील न सुनने वालों पर पुलिस ने सख्ती भी दिखाई। कई लोगों पर लाठियां भी चटकानी पड़ीं। वहीं माइक की हेल्प से पुलिस अफसर लगातार लोगों को अफवाहों से दूर रहने और घर लौट जाने की चेतावनी देते रहे। झकरकटी पर कई घंटे तक अफरातफरी का माहौल रहा। लोग किसी कीमत पर बस अपने घर पहुंचना चाहते थे।
हाईवे पर ही जद्दोजहद
सैटरडे रात से लगातार झकरकटी बस अड्डे पर दिल्ली से आने वाली भीड़ पहुंच रही थी। प्रशासन ने संडे रात तक सभी को रोडवेज बसों, प्राइवेट वाहनों और टूरिस्ट बसों से उनके घर भिजवा दिया। संडे रात तक बस अड्डा खाली हो गया था। लेकिन अफवाहों के चलते मंडे सुबह फिर भीड़ पहुंचने लगी थी। रामादेवी चौराहा हाईवे पर भी मंडे की सुबह पलायन करने वालों की भीड़ दिखाई दी। पुलिस व पीएसी ने उन्हें विभिन्न प्राइवेट वाहनों में बैठाकर भिजवाया।
वाहन दिखते ही टूट पड़ते
हाईवे पर पैदल जा रहे लोगों को जैसे ही कोई वाहन दिखाई देता, वो उसमें बैठने के लिए टूट पड़ते। बिना पूछे ही ट्रक और डीसीएम को जाता देख उसमें चढ़ जाते। हालात ये थी क्षमता से कहीं ज्यादा लोग गाडि़यों में ठसे थे। जाजमऊ और रामादेवी पर भी ट्रक के इंतजार में भारी भीड़ दिखी। अपनी जान की परवाह किए बगैर लोग सामान से लदे ट्रकों के ऊपर भी सवार होकर जा रहे थे। उनके पर सिर्फ घर जाने का जुनून सवार था।
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शासन की परमीशन मिलने पर संडे रात तक जो भीड़ झकरकटी बस अड्डे पर इकट्टा थी, उसे बसों ओर प्राइवेट वाहनों से उनके घर भेज दिया गया था। इसके बाद बस अड्डे को खाली करा लिया गया था। लेकिन मंडे को कुछ अफवाहों के चलते बड़ी संख्या में लोग फिर बस अड्डे पहुंच गए। जिन्हें पुलिस की मदद से समझाकर वापस भेज दिया गया।
राजेश सिंह, एआरएम