कानपुर (ब्यूरो) किसानों ने कुछ दिन पहले ही फसलों की ङ्क्षसचाई की है उन्हें अब फसल गिरने का डर भी सता रहा है। झींझक व संदलपुर क्षेत्र में जिन किसानों ने एक दो दिन पहले ही गेहूं में पानी लगाया था उस मे आंशिक नुकसान है। वहीं मटर, चना, लाही व आलू की फसल को सबसे अधिक नुकसान की संभावना जताई गई है। किसान शिवकुमार, नीरज ङ्क्षसह, गोरे लाल, अखिलेश ने बताया कि आलू की फसल में दो दिन पूर्व ही पानी लगाया था। अब बारिश के बाद फसल सडऩे का डर सता रहा है। वहीं अरहर, चना जैसी दलहनी फसलों में अत्यधिक नुकसान की संभावना जताई गई है, जबकि अगले दो दिन बारिश होने पर सरसों की फसल को नुकसान होगा। कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के कृषि विज्ञानी डा। अशोक कुमार बताते हैं कि बारिश से तिलहन व दलहन फसलों को अत्यधिक नुकसान होगा। वहीं हवा चलने पर सरसों की फसल गिरने का डर भी है, क्योंकि सरसों में फली लगने से वजन बढ़ गया। इससे बारिश के कारण जड़ें कमजोर होने से फसल गिर सकती है। वहीं बारिश के कारण तिलहन फसलों का उत्पादन प्रभावित होगा।
कई फसलों को नुकसान
भोगनीपुर क्षेत्र में भी बारिश के चलते लाही, मटर, सरसों, धनिया, आलू की फसलों को नुकसान पहुंचा है। बारिश से जहां अगैती लाही की फसल झुक जाने से व बालियां भींग जाने से दाना हलका होने की संभावना हो गई है, वहीं पिछैती लाही की फसलों का फूल पानी से झड़ जाने से फसल की पैदावार कम होने के आसार हैं। जगम्मनपुर के किसान अवधेश अवस्थी, बहरई के रामचंद द्विवेदी, सिथरा बुजुर्ग के जीतेंद्र द्विवेदी, बरौर के रवींद्र शुक्ला आदि किसानों ने बताया कि बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी लाही, चना, मटर, सरसो, धनिया, आलू की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है।