- मासूमों की 'अस्मत' बचाने के प्लान फाइलों में हो गए कैद

- साउथ सिटी और रूरल एरिया में ताबड़तोड़ हो रही वारदातें

KANPUR : सड़क और गलियों के मनचलों और मोहल्ले के दरिंदे पुलिस के रडार पर नहीं आ पा रहे हैं। सरकार का 'प्रो क्रिमिनल एक्टिविटी फार वीमेन' प्लान फेल होता नजर आ रहा है। इस प्लान के मुताबिक थाना पुलिस को हर मोहल्ले में जाकर मनोरोगियों की लिस्ट बनानी थी। साथ ही मोहल्ले में कितने मासूम बच्चे रह रहे हैं? इसकी जानकारी कर बच्चा रजिस्टर में दर्ज करनी थी। थाने से महिला पुलिसकर्मी को जाकर मोहल्ले में बच्चियों से पड़ोस में रहने वाले अंकल की जानकारी लेनी थी। इसके बाद मोहल्ले के मनोरोगियों की मॉनीटरिंग करके उन्हें क्राइम की गंभीरता भी बतानी थी। इन आदेशों को जारी हुए 15 दिन से ज्यादा का वक्त हो गया। लेकिन इस तरफ अफसरों का ध्यान अभी नहीं गया है। अगर इस प्लान पर काम कर लिया गया होता तो शायद चकेरी और गोविंद नगर की वारदातों को रोका जा सकता था।

मिशन शक्ित बना मजाक

'मिशन श्क्ति' के नाम पर जिला पुलिस पुराने मामलों में छेड़छाड़ और रेप के आरोपियों को पकड़ कर अपने आंकड़े मजबूत कर रही है। नवरात्रि के पहले दिन से कानपुर में मिशन शक्ति शुरू जरूर किया गया। लेकिन कहीं भी पुलिस जागरूक नजर नहीं आई। उस दौरान घाटमपुर उपचुनाव की आचार संहिता की बात कही गई। इस महीने में भी लगातार वारदातें हुई, लेकिन पुलिस ने कोई भी योजना शुरू नहीं की। इसके अलावा आईजी ने भी मीटिंग कर तमाम आदेश निर्देश दिए। लेकिन कोई भी आदेश धरातल पर उतारा जा सका।

लगातार हो रही वारदातें

- घाटमपुर में तंत्र साधना के लिए बच्ची का किडनैप कर रेप और मर्डर

- गोविंद नगर में लोको पॉयलट ने बच्ची के किडनैप कर रेप किया

- घाटमपुर में किशोरी के साथ वहशियाना हरकत को अंजाम दिया गया

- कानपुर देहात में शादी का झांसा देकर पीएसी जवान ने किया रे

खास तथ्य

नवंबर में दरिंदों ने सात रेप की वारदातों को अंजाम दिया। जिसमें तीन मामलों में किडनैपिंग और एक दर्दनाक मर्डर भी सामने आया।

'' सीनियर ऑफिसर्स के आदेश के बाद जो भी प्लान आए। सभी का प्लान बनाकर पालन कराया जा रहा है.''

डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी कानपुर