- क्राइम ब्रांच ने किया लोगों से ठगी करने वाले अनोखे गैंग का खुलासा, एक शातिर गिरफ्तार, तीन की तलाश

-भारत सरकार के अधिकारी बनकर करते थे फोन, पहले ठगी गई रकम वापस करने का झांसा देकर ऐंठते थे रकम

kanpur : क्राइम ब्रांच ठगी करने वाले शातिर व अनोखे गैंग को खुलासा किया है। यह गैंग पहले से ठगे लोगों की लिस्ट बनाकर दोबारा उन्हीं को ठगता था। पुलिस ने एक शातिर को गिरफ्तार कर उसके खाते से दस लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस शातिर के तीन साथियों की तलाश में जुटी हुई है। ठगों ने ऐसा जाल बिछाया कि ठगी के शिकार लोगों को बड़ा सपना दिखाकर पिछली बार से दस गुना ज्यादा रकम ऐंठ ली। गैंग ने देश भर से कई करोड़ की ठगी की है। डीसीपी क्राइम के मुताबिक पकड़े गए शातिर का नाम अजय कुमार तिवारी है और वह नोएडा का रहने वाला है।

यहां से होती है शुरुआत

डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि 2016 में नोएडा में सैंड शॉ¨पग हब के नाम से इलेक्ट्रिक होम अप्लायंस का स्टोर था। यह स्टोर ऑनलाइन सेल करता था। यहां पर उत्पादों के दाम बेहद कम थे, इसलिए पूरे देश से पांच हजार से अधिक लोगों ने करीब 100 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रिक होम अप्लायंस बुक करा लिए। 2017 में कंपनी भाग गई और नोएडा स्थित ऑफिस में ताला पड़ गया। तब ये मामला मीडिया में काफी चि1चर्त रहा था। ठगी में कानपुर के बर्रा निवासी वेदप्रकाश से भी 2.5 लाख रुपये ठग लिए गए थे। उन्होंने बर्रा थाने में मामला दर्ज कराया था।

2.5 लाख के लिए गवां दिए 28 लाख

डीसीपी ने बताया कि 2019 वेदप्रकाश के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स का अधिकारी बताया। उसने जानकारी दी कि 2017 में उनके साथ जो ठगी हुई थी, उसके आरोपी पकड़े गए हैं। ठगों से करोड़ों की रकम पकड़ी गई है। रकम ठगी के पीडि़तों में बांटी जानी है। उन्होंने 2.5 लाख रुपये गवाएं थे और इसकी एवज में 38 लाख का भुगतान भारत सरकार करेगी। इसके बाद कोर्ट फीस, बैंक में रकम ट्रांसफर करने, इनकम टैक्स आदि कारणों को गिनाते हुए वेदप्रकाश से 40 बार में 28 लाख रुपये जमा करा दिए गए। बीच में उन्हें शक हुआ तो उनके अकाउंट में 40 हजार रुपए भेजकर उन्हें विश्वास में ले लिया। वेद प्रकाश ने दोबारा ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो क्राइम ब्रांच की जांच में यह गिरोह सामने आया।

महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश तक

डीसीपी ने बताया कि जिस समय सैंड शापिंग हब बंद हुआ था। उस समय वहां काम करने वाले अजय तिवारी और उनके साथियों ने हजारों लोगों का डाटा चोरी कर लिया था। इसके बाद ये शातिर लड़कियों की आवाज बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। पहले से अपना रुपया गंवा चुके लोग इनकी बातों पर जल्दी विश्वास कर लेते थे। ठगों के कहने के नाम पर तमाम टैक्स के मद में रुपये जमा कर देते थे। अजय कभी मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स तो कभी मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स का अधिकारी बनकर फोन करता था। गैंग ने तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित कई प्रदेशों के लोगों को शिकार बनाया है।

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एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया गया है। इसके तीन साथियों की जानकारी मिली है, जल्द ही तीनों की अरेस्टिंग की जाएगी।

सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम