ये वाकया तब पेश आया जब इमरान खान कनाडा में अपनी पार्टी के लिए धन जुटाने गए थे और उसके बाद इसी मकसद से अमरीका के शहर न्यूयॉर्क रवाना हो रहे थे।
इमरान खान ने ट्विटर पर इस घटना के बारे में बताया, ''मुझे विमान से उतारा गया और कनाडा में मौजूद अमरीकी अधिकारियों ने ड्रोन हमलों के बारे में मुझसे पूछताछ की.'' उन्होंने ये भी कहा कि ड्रोन हमलों पर मेरी राय स्पष्ट है कि ड्रोन हमले बंद होने चाहिए।
उन्होंने ये भी बताया कि पूछताछ के कारण वो उस जहाज़ से न्यूयॉर्क नहीं जा सके जिससे उन्हें जाना था और ना ही वो न्यूयॉर्क के समारोह में शामिल हो सके। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, वॉशिंगटन में अमरीकी अधिकारियों ने इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
अमरीका और ड्रोन हमले
इमरान खान पाकिस्तान में अमरीकी ड्रोन हमलों के प्रबल विरोधी हैं और उन्होंने हाल ही में इन हमलों के खिलाफ राजधानी इस्लामाबाद से कबाइली इलाकों तक रैली निकाली थी जिसमें हज़ारों लोग शामिल हुये थे।
अमरीका के मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उनके प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी दोनों ही पाकिस्तान को अमरीकी विदेश नीति का अहम मुद्दा बताते रहे हैं।
जहां बराक ओबामा पाकिस्तान में ड्रोन हमलों को जायज़ ठहराते रहे हैं, वहीं रोमनी का कहना है कि वे राष्ट्रपति बनें तो ड्रोन हमलों की नीति को जारी रखेंगे।
हालांकि एक अमरीकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के नागरिक दिन के चौबीसों घंटे अमरीकी ड्रोन की दहशत में जी रहे हैं।
अमरीका के दो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और न्यूयॉर्क स्कूल ऑफ लॉ की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन उन्हें भी अपना निशाना बना रहे हैं जो हमलों में घायल हो गए लोगों की मदद के लिए घटनास्थल पर जाते हैं।
अमरीका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी यानी सीआईए पाकिस्तान के कुछ इलाक़ों में ड्रोन विमानों का इस्तेमाल कर रही है, जिसमें अब तक सैकड़ों चरमपंथियों की मौत हो चुकी है।
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