हैकरों ने ज़करबर्ग की 14 तस्वीरें एक तस्वीरों की साइट पर लगा दीं और इन तस्वीरों पर शीर्षक लगाया "अब फ़ेसबुक की सुरक्षा की ख़ामियों को सुधारने का वक़्त आ गया है."
हैकरों के अनुसार जो ख़ामी थी, वो फ़ेसबुक पर उस टूल में थी जो कि ख़राब और अवैध तस्वीरों की सूचना देने के लिए बनाया गया था। फ़ेसबुक का दावा है कि उसने वो ग़लती सुधार ली है।
निजता की दिक्कत
फ़ेसबुक ने एक वक्तव्य में बुधवार को माना है, "हमारी शिकायत करने की प्रक्रिया में एक ख़ामी पाई। हमने पाया कि लोग एक बार में कई तस्वीरों पर एक साथ आपत्ति जता सकते थे."
फ़ेसबुक ने यह भी कहा कि इस परेशानी की वजह से लोग एक सीमित संख्या में किसी भी आदमी की हाल ही में लगाई गई तस्वीरों को देख सकते थे, चाहे उसकी निजता का स्तर कुछ भी रखा गया हो।
सोशल नेटवर्किंग साइट ने यह भी कहा, "ऐसा हमारे हाल ही में जारी किए गए एक कोड की वजह से हो रहा था। उस ख़ामी के सामने आने पर हमने इस सिस्टम को फ़ौरन बंद कर दिया। अब यह तभी चलाया जाएगा जब हम पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएँगें."
मार्क ज़करबर्ग की तस्वीरें छापने से पहले बीबीसी से फ़ेसबुक से पूछा तो उनका कहना था कि अब जब तस्वीरें सबके सामने आ ही चुकी हैं तो वो कोई क़ानूनी कारवाई नहीं करना चाहते।
सुरक्षा में छेद
फ़ेसबुक पर इस ख़ामी की खोज एक पहलवानों के फ़ोरम ने की और उन्होंने बाक़ायदा यह बताया कि किस तरह से लोगों की निजी तस्वीरों को देखा जा सकता है।
जब लोग किसी की सार्वजानिक प्रोफ़ाइल तस्वीरों को अनुचित बताते थे, तो उनको फ़ेसबुक आमंत्रित करता था कि वो उस व्यक्ति की ओर से हाल ही में लगाई गई और तस्वीरों को देखें। इन तस्वीरों को छोटे से बड़ा करना और डाउनलोड करना कोई बड़ी बात नहीं थी। क़रीब 8.5 करोड़ उपयोगकर्ताओं वाले फ़ेसबुक पर हैकरो ने मार्क ज़करबर्ग के प्रोफ़ाइल को यह ख़ामी उजागर करने के लिए चुना।
ज़करबर्ग की जो तस्वीरें सार्वजनिक की गईं हैं, उनमें से एक में वो अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ हैं तो दूसरी तस्वीर में वो एक मुर्गी को अपनी हाथों में उलटा लटकाए खड़े हैं। कुछ दिनों पहले ज़करबर्ग ने कहा था कि वो केवल वही गोश्त खाते हैं जिसे ख़ुद उन्होंने मारा हो।
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