- 3595 करोड़ के घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी का चार महीने से उर्सला के प्राइवेट रूम में वीआईपी सुविधाओं का साथ हो रहा ट्रीटमेंट

-लखनऊ से सीनियर आईएएस का फोन आने के बाद सिस्टम उदय पर मेहरबान, सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी भी तैनात

KANPUR : 3595 करोड़ के बैंक लोन घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी उदय देसाई पर प्रशासन पूरी तरह मेहरबान है। जेल की सलाखों के पीछे होने के बजाए वह वीवीआइईपी सुविधाओं को एंज्वॉय कर रहा है। बीमार के नाम पर वह चार महीने से उर्सला हॉस्पिटल में भर्ती है। प्राइवेट रूम नंबर 306 में उसका इलाज चल रहा है। जहां उसको हर सुख-सुविधाएं दी जा रही हैं। उदय कोई परेशानी न हो इसकी निगरानी खुद लखनऊ से एक सीनियर आईएएस कर रहे हैं।

सीबीआई ने भेजा था जेल

3595 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में सीबीआई ने उदय देसाई पर शिकंजा कसते हुए जेल भेजा था। जेल अधीक्षक आरके जायसवाल ने बताया कि 2 सितंबर को उदय की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उनको जेल अस्पताल और फिर कांशीराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर हैलट में शिफ्ट किया गया था। इलाज के बाद कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी लेकिन उदय को वापस जेल नहीं भेजा गया।

अफसर कर रहे जी हुजूरी

कई अन्य बीमारियां होने की वजह से वो अस्पताल में रहे। उर्सला के एक डॉक्टर के मुताबिक लखनऊ के एक आईएएस अफसर को उदय ने फोन कर बताया कि उनको सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। हैलट में बहुत दिक्कतें हैं। आईएएस अफसर ने शहर के अफसरों के पास फोन घुमाया। जिसके बाद उदय को उर्सला के प्राइवेट वार्ड के रूम नंबर 306 में शिफ्ट कर दिया गया। तब से वह यहीं पर भर्ती है।

तीन बार देखते हैं डॉक्टर

कोविड काल में जहां आम लोगों को अस्पताल में बेड भी नहीं मुहैया हो रहे हैं वहीं हीरा कारोबारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट में रखा गया है। हालांकि इलाज कर रहे डॉक्टर की मानें तो उसे शुगर, हार्ट और किडनी की प्राब्लम है। लेकिन बीमारी की इतनी गंभीरता नहीं है कि उसे अस्पताल के वीआईपी सेल में रखा जाए। राजधानी से आए फोन के बाद से अस्पताल में तीन बार उसे डॉक्टर देखने आते हैं।