कानपुर (ब्यूरो) चौबेपुर के मालो गांव में रहने वाले 45 साल के राजकिशोर प्राइवेट नौकरी करते थे। जबकि 42 साल की उनकी पत्नी अमृता ब्लूवर्ड वाटर पार्क में नौकरी करती थी। दंपति के तीन बच्चे नेहा, विजेता और प्रांशु हैं। प्रांशु ने बताया कि दोनों लोग गुरुवार को भी रोज की तरह सुबह नौकरी पर गए थे। शाम को मंधना स्टेशन से ट्रेन से घर आते थे, लेकिन देर शाम तक घर नहीं पहुंचे।

बेटे ने किया फोन
माता-पिता के घर नहीं पहुंचने पर प्रांशु ने फोन किया तो दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ था। घंटों बाद भी कुछ पता नहीं चलने पर वह अपने दोस्त के साथ माता-पिता की तलाश करते हुए मंधना स्टेशन पहुंच गया। वहां पता चला कि दंपति ने ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड किया है। इसके बाद तो परिवार में कोहराम मच गया।

शव देख बदहवास हो गया बेटा
बेटा पास गया तो दोनों के शव देखकर बदहवास हो गया। दोनों शव की शिनाख्त माता-पिता के रूप में की। मामले की जानकारी मिलते ही मृतक का भाई श्याम किशोर, भाभी लवली और गांव के कई लोग मौके पर पहुंचे।

परिजनों ने लगाया आरोप
परिजनों ने बताया कि हादसे के बाद जीआरपी ने किसी भी तरह की जांच पड़ताल नहीं की। शव को लावारिस हालत में पोस्टमार्टम के लिए भेज रहे थे। इस दौरान परिवार के लोग मंधना स्टेशन पहुंचे तो उन्हें हादसे की जानकारी हुई। जीआरपी मामले में रिपोर्ट करके मामले की जांच कर रही है। देर शाम जब पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो परिवार वाले बेसुध हो गए।

पत्नी को समझाने गया था
परिजनों ने बताया कि ऐसा दोनों के बीच कुछ विवाद भी नहीं हुआ था। आपसी झगड़ा तो अक्सर परिवार में होता रहता था। गुरुवार को भी विवाद हुआ था, पत्नी को मनाने के लिए पति पीछे गया था। पत्नी को ट्रेन के आगे छलांग लगाते देख उससे न रहा गया और उसने भी जान दे दी।