- लगातार दूसरी बार लक्ष्य से बेहद कम वैक्सीनेशन होने पर तैयारियों पर उठ रहे सवाल, बार-बार बदली जाती है लिस्ट
- आखिरी वक्त तक फाइनल होती वैक्सीनेशन कराने वालों की सूची, वैक्सीनेशन कराने वालों तक नहीं पहुंचते मैसेज
KANPUR: कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोविशील्ड वैक्सीन लगाने के अभियान की तैयारियां जिस जोश और दावों के साथ की गई थी, हकीकत में वो खोखली निकलीं। लगातार दूसरी बार निर्धारित लक्ष्य से कम लोगों ने वैक्सीन लगवाई। दूसरी बार वैक्सीन लगवाने वालों की दर तो और भी घट गई। कई वैक्सीनेशन सेंटर्स पर तो 30 फीसदी से भी कम लोगों ने वैक्सीन लगवाई। ऐसी हालत में सवाल उठता है कि आखिर इतना कम वैक्सीनेशन क्यों हुआ। हेल्थ वर्कर्स वैक्सीन लगवाने में बेरुखी क्यों दिखा रहे हैं। हांलाकि इसकी वजहों की पड़ताल करें तो कारण कुछ और समझ आते हैं। इसमें सबसे बड़ी वजह से वैक्सीन लगवाने वालों की सूची में बार-बार बदलाव।
लास्ट मोमेंट पर चलता है पता
वैक्सीनेशन से एक महीने पहले हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से शहर के सभी हेल्थ वर्कर्स का डाटा जुटा लिया गया था, लेकिन अब जब वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। तब भी वैक्सीनेशन किन लोगों का पहले होगा। उसकी लिस्ट में बदलाव किए जाते हैं। कई बार जिन लोगों को वैक्सीन लगनी होती है। उन्हें लास्ट मोमेंट पर पता चलता है कि उन्हें आज टीका लगना है। वहीं कई ऐसे कर्मचारियों के नाम भी सूची में आ जाते हैं जिनकी कोविड ट्रीटमेंट में ड्यूटी लगी है। इस बाबत मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई थी, लेकिन फ्राईडे की वैक्सीनेशन ड्राइव में निर्धारित लक्ष्य से और भी कम हेल्थ वर्कर्स ने वैक्सीन लगवाई।
एक दूसरे पर फोड़ रह ठीकरा
अब कम वैक्सीनेशन पर मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। कोविड वैक्सीनेशन उन्हीं हेल्थ वर्कर्स का हो रहा है जिनका नाम कोविन पोर्टल पर अपलोड है। इसी पोर्टल के जरिए वैक्सीनेशन से ठीक पहले हर लाभार्थी को मैसेज भेजा जाता है। साथ ही वैक्सीन की डोज लगने के बाद दूसरी डोज के लिए मैसेज भी इसी पोर्टल के जरिए भेजा जाता है। पोर्टल पर डाटा अपडेशन के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम एक महीने से काम कर रही है।
जीएसवीएम में प्रॉब्लम ज्यादा
इसके बाद भी वैक्सीनेशन से ठीक पहले डाटा अपडेट करने से कई समस्याएं आ रही है। जिसका असर वैक्सीनेशन पर पड़ रहा है। वैक्सीनेशन ड्राइव से जुड़े एक सीनियर डॉक्टर बताते हैं कि किसी एक दिन किन हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगवानी है उससे एक रात पहले तक उनका डाटा अपलोड किया जाता है। विभाग के अधिकारी सबसे ज्यादा अपडेशन की प्रॉब्लम जीएसवीएम की लिस्ट से आ रहा है।
फैक्ट फाइल-
22,700- हेल्थ वर्कर्स को कानपुर में पहले चरण में दी जानी है वैक्सीन
10- हजार हेल्थ वर्कर्स को जनवरी में वैक्सीन लगवाने का लक्ष्य
3800- हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीनेशन के पहले दो दिनों में लगनी थी वैक्सीन
2518- हेल्थ वर्कर्स को ही इन दो दिनों में लगाई जा सकी वैक्सीन
73- परसेंट पहले दिन वैक्सीनेशन हुआ
65- परसेंट दूसरी बार वैक्सीनेशन हुआ
40- परसेंट वैक्सीनेशन हुआ जीएसवीएम में पहले दिन
27- परसेंट वैक्सीनेशन हुआ जीएसवीएम में दूसरी बार
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इन जगहों पर हुआ सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन
आईआईटी-99 परसेंट
पतारा-94 परसेंट
ककवन-93 परसेंट
कल्याणपुर-93 परसेंट
मधुलोक हॉस्पिटल-80परसेंट
सरसौल सीएचसी-73 .5 परसेंट
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इन जगहों पर सबसे कम वैक्सीनेशन-
जीएसवीएम मेडिकल कालेज-27 परसेंट
प्रखर हॉस्पिटल-21 परसेंट
बिल्हौर-45 परसेंट
गुजैनी-56 परसेंट
कांशीराम हॉस्पिटल-62 परसेंट
भीतरगांव-63 परसेंट
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वर्जन- वैक्सीनेशन को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब अवेयरनेस पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। लाभार्थियों की सूची अपडेशन में पोर्टल पर जो समस्याएं आ रही हैं। उन्हें भी जल्द दूर कर लिया जाएगा।
- डॉ.जीके मिश्र, एडिश्नल डायरेक्टर हेल्थ