- कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन और अनलॉक के बीच कोरोना संक्रमित 1 से 24 हजार के करीब पहुंचे
- कोरोना से लड़ने में कैपेसिटी को बढ़ाया, डेथ रेट भी अब आ रहा काबू, डॉक्टर्स बोले लड़नी पड़ सकती है लंबी लड़ाई
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KANPUR: जिंदगी जिन्दादिली का नाम है। ये कहावत कानपुराइट्स पर सटीक बैठ रही है। उनके हौसलों के आगे अब कोरोना घुटने टेकते नजर आ रहा है। कोरोना को लेकर उनकी अवेयरनेस और हिम्मत के कारण कोरोना क ग्राफ तेजी से नीचे आ रहा है। जहां पहले रोज 500 के आसपास नए केस मिलते थे। वहीं अब यह संख्या घटकर 100 के आसपास रह गई है। यह हाल तब है, जब लगभग सबकुछ अनलॉक हो गया है। इसी तरह कोरोना पेशेंट्स की मौतों का ग्राफ भी गिरा है। इसके लिए शासन, प्रशासन के उठाए जा रहे कदमों का भी काफी योगदान है।
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सैंपलिंग, टेस्टिंग का कमाल
कोरोना वायरस से लड़ाई के 6 महीने से अधिक हो चुके हैं। इस बीच कानपुर में एक केस से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण फैलते हुए इन 6 महीनों में 24 हजार के करीब पहुंच गया है। दो महीने से ज्यादा वक्त के लॉकडाउन में यकीनन कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार पर ब्रेक लगी थी। वहीं 1 जून से अनलॉक के बाद शहर में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुईं तो इस दौरान कोरोना वायरस के स्प्रेड ने भी रफ्तार पकड़ी। जहां लॉकडाउन के दो महीने से ज्यादा वक्त में कोरोना संक्रमण के कुल 369 केसेस और 11 मौतें थीं। वहीं अनलॉक में कई ऐसे दिन भी आए जिसमें एक दिन में 500 से ज्यादा नए केसेस मिले और 15 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई।
कोरोना से जंग को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस और डॉक्टर्स की ही सबसे अहम भूमिका रही। कैपेसिटी बिल्डिंग के साथ जो इंतजाम किए गए। उसकी वजह से ही सिटी में 19 हजार के करीब कोरोना संक्रमित सही भी हो चुके हैं। कोविड का ट्रीटमेंट सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के हॉस्पिटलों में मौजूद है। कोरोना से बढ़ते मार्टेलिटी रेट पर जरूर चिंता की बात है। इसे कैसे कम किया जाए, शासन की निगाहें इस पर लगी हुई हैं? आने वाले समय में कोरोना वायरस से क्या स्थितियां होगी। इसे लेकर कानपुर में सीरो सर्वे भी कराया गया है। जो आने वाले दिनों में कोरोना वायरस के स्प्रेड को लेकर स्थितियों को साफ करेगा।
हालात सुधरने के बाद भी स्वास्थ्य महकमे और मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोना वायरस को काबू करने में अभी वक्त लग सकता है। इसीलिए ज्यादा सैंपलिंग, टेस्टिंग, कांटैक्ट ट्रेसिंग पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। ज्यादा सैंपलिंग, टेस्टिंग और कांटैक्ट ट्रेसिंग का कमाल है पिछले कई दिनों से नए कोरोना पेशेंट मिलने की रफ्तार में तेजी से कमी आई है। पहले जहां एक दिन में 500 से अधिक पेशेंट तक मिलते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 100 के आसपास पहुंच गई है।
लॉकडाउन- 369 पॉजिटिव,11 डेथ
(23 मार्च से 31 मई तक
अनलॉक वन- 1183 पॉजिटिव- 52 डेथ
1 से 30 जून तक
अनलॉक टू- 5270 पॉजिटिव, 201 डेथ
(1 से 31 जुलाई तक )
अनलॉक थ्री- 14995 पॉजिटिव,437 डेथ
(1 से 31 अगस्त तक )
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अनलॉक फोर
टोटल केस हो गए- 23,937
टोटल डेथ-- 628
(1 से 24 सितंबर तक )
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जांच की क्या है स्थिति-
लॉकडाउन लगने से 12 अप्रैल तक- एक भी लैब नहीं
13 अप्रैल से अब तक- मेडिकल कालेज समेत 7 लैब, 30 से ज्यादा जगहों पर सैंपलिंग की सुविधा
- आरटीपीसीआर, ट्रू नॉट, सीबी नॉट और रैपिड कार्ड से कोरोना जांचें
अब तक हुए टेस्ट- 2,30,887
कोरोना से ठीक हो चुके- 18978 पेशेंट्स
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कोविड हास्पिटलों में बेडों की स्थिति-
लेवल-3
जीएसवीएम मेडिकल कालेज- 220 बेड
- 140 बेड आईसीयू के
लेवल-2
कांशीराम हॉस्पिटल- 105 बेड
-40 बेड आईसीयू के
रामा मेडिकल कालेज-320 बेड
- 20 बेड आईसीयू के
7 एयरफोर्स हॉस्पिटल- 20 बेड
- 5 बेड आईसीयू के
नारायणा मेडिकल कालेज-200 बेड
- 20 बेड आईसीयू के
रिजेंसी हॉस्पिटल- 75 बेड
- 10 बेड आईसीयू के
एसपीएम हॉस्पिटल-70 बेड
- 5 बेड आईसीयू के
जीटीबी हॉस्पिटल- 60 बेड
- 5 बेड आईसीयू के
एसआईएस हॉस्पिटल- 70 बेड
- 8 बेड आईसीयू के
आस्था हॉस्पिटल-40 बेड
- 5 बेड आईसीयू के
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एल-1
ईएसआईसी हॉस्पिटल जाजमऊ-60 बेड
नारायणा मेडिकल कॉलेज-200 बेड
रामा आयुर्वेदिक कॉलेज-140 बेड
रामा यूनानी हॉस्टल-260 बेड
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