- घाटमपुर में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला सामने आया
- दंपत्ति को कई दिन से खांसी-बुखार आने पर परिजनों ने कर लिया था किनारा
KANPUR: कोरोना काल में घाटमपुर में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। इसमें खून के रिश्तों पर भी कोरोना जैसे लक्षणों वाली बीमारी भारी पड़ी। बुखार और खांसी में सगा बेटा और बहू वृद्ध दंपती को छोड़ गए। खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ की जानकारी के बाद पड़ोसियों ने भी दूरी बना ली थी। जब घर से आ रही बदबू पड़ोसियों से बर्दाश्त नहीं हुई तो वे बहू को बुलाकर घर के अंदर पहुंचे।
चूल्हे ने पूरी हकीकत बयां कर दी
चारपाई पर बुजुर्ग मुरली संखवार का शव पड़ा था और कुछ दूरी पानी का बर्तन हाथ में लिए रामदेवी की लाश पड़ी थी। घर का चूल्हा पूरी हकीकत बयां कर रहा था। साफ पड़ा चूल्हा कई दिन से जलाया ही नहीं गया था। इससे साफ है कि बीमार दंपती ने कई दिन से खाना भी बनाकर नहीं खाया था। घर के अंदर शायद दोनों पानी पीकर ही बीमारी के दिन काट रहे थे।
बेटे-बहू ने छोड़ दिया था साथ
हथेरुआ गांव में 80 साल के मुरली संखवार अपनी 75 साल की पत्नी रामदेवी के साथ रहते थे। उनका बेटा बिहारी गांव के बाहर एक आश्रम में रहता है। बिहारी की पत्नी बेटे अरविंद और बहू साधना के साथ गांव में ही दूसरे घर में रहती है। दोनों घर की दूरी करीब एक किलोमीटर है। साधना ने बताया कि बाबा मुरली और दादी रामदेवी को पांच दिन पहले बुखार आया था और खांसी भी आ रही थी। वह उसी दिन देखने आई थी। उस दिन बीमारी की वजह से उन्होंने खाना भी नहीं खाया था। इसके बाद दोबारा वह नहीं आई। बीते चार दिन से उनके घर कोई नहीं गया था।
एसडीएम ने कहा कि जानकारी नहीं
गांव वालों का कहना है कि अकेले रह रहे वृद्ध पति और पत्नी दोनों एक दूसरे का ही सहारा थे। फिलहाल किसी ने पुलिस को भी सूचना नहीं दी है और एसडीएम अरुण कुमार का कहना है कि घटना की जानकारी नहीं है। राजस्व कर्मी को गांव भेजकर पता कराया जा रहा है।