- बच्चों की सुरक्षा को लेकर पेरेंट्स में डर बढ़ा, इसका एडमिशन पर पड़ा असर
- पिछले साल से भी ज्यादा स्थिति हुई खराब, स्कूल संचालक परेशान
- 10 हजार बच्चे हर साल लेते थे सीबीएसई के स्कूलों में एडमिशन
- 10 फीसदी ही सिटी के बच्चों ने लिया एडमिशन अभी तक
- 40 फीसदी बच्चों ने ही पिछले साल लिया था एडमिशन
KANPUR: कोरोना जितनी तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है उतनी तेजी से यह कई सेक्टर्स पर भी असर डालने लगा है। एजुकेशन सेक्टर पर इस प्रभाव दिखने लगा है। पेरेंट्स पर कोरोना का डर देखा जा रहा है। उनकी चिंता की बड़ी वजह ब्च्च्चों की सुरक्षा को लेकर है। इस वजह से वह चाहते हैं कि ब्च्च्चे घर पर ही रहें। इसकी वजह से स्कूलों में एडमिशन कम हुए है। यहां तक की पहले जहां 10 स्टूडेंट्स के करीब हर साल एडमिशन लेते थे लेकिन अब तक 10 परसेंट लोगों ने भी एडमिशन नहीं लिया है।
ऑनलाइन एडमिशन भी नहीं करा रहे
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने देश-दुनिया के हर क्षेत्र में तो हालात खराब किए ही, स्कूलों में होने वाले एडमिशन पर भी इसका ग्रहण एक बार फिर से लग गया। इस साल की स्थिति इतनी खराब है, कि कोरोना के नए स्ट्रेन से पेरेंट्स बुरी तरह डर गए हैं और स्कूलों की ओर से ऑनलाइन प्रवेश के विकल्प को नहीं चुन रहे।
इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे
चाहे सीबीएसई स्कूल हों या फिर आईसीएसई, प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं क्लास तक में एडमिशन को लेकर पेरेंट्स बिल्कुल रुचि नहीं दिखा रहे। स्कूलों की ओर से फीस कम करने की बात भी कही जा रही है, हालांकि अभी पेरेंट्स पहले की तरह हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। स्कूल संचालकों का कहना है, कि ऐसी ही स्थिति रही है तो आने वाले दिनों में पांचवीं क्लास तक के स्कूल बंद हो जाएंगे।
एवरेज 10 हजार एडमिशन
सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बल¨वदर सिंह ने बताया कि हर साल प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं तक में एवरेज 10 हजार बच्चे प्रवेश लेते थे। हालांकि पिछले साल जब कोरोना महामारी आई तो जैसे-तैसे 40 फीसद यानि चार हजच्र बच्चों ने प्रवेश लिया। पर, इस सत्र में तो हालात बहुत बुरे हैं। अभी तक केवल 10 फच्सद बच्चों का दाखिला हो पाया है। आगे, क्या होगा? कोई नहीं जानता। पर, जो दशा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बहुत कम पेरेंट्स ही अच्ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार होंगे।