- ठंड के सीजन में स्ट्रोक और हार्ट अटैक के पेशेंट्स बढ़े

- इलाज के लिए पहुंचे तो कोरोना संक्रमित भी निकले

KANPUR: सर्दी के सीजन में कोरोना वायरस का संक्रमण डेडली क्यों हो गया है अब इसका पता चल रहा है। बीते 10 दिनों में ही हैलट हॉस्पिटल में किसी और मर्ज के इलाज के लिए भर्ती हुए पेशेंट्स में कोरोना वायरस का संक्रमण निकल आया। कोरोना के साथ उनकी बीमारी और भी घातक हो गई। ऐसे पेशेंट्स को बचाना डॉक्टर्स के लिए और भी मुश्किल हो गया है। सिर्फ एलएलआर हॉस्पिटल ही नहीं एलपीएस इंस्टीटयूट ऑफ कार्डियोलॉजी में भी हार्ट अटैक के कई पेशेंट्स भर्ती हुए, लेकिन कोरोना की जांच हुई तो वह कोरोना संक्रमित भी निकले। डॉक्टर्स का कहना है कि जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी। ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा अटैक के केसेस भी बढ़ेंगे। ऐसे में अगर उन्हें कोरोना संक्रमण भी होता है तो उन्हें बचाना काफी मुश्किल होगा।

चार बीमारियों से ख्ातरा ज्यादा

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ। प्रेम सिंह के मुताबिक सर्दी के सीजन में वैसे भी नसें सिकुड़ती हैं। ऐसे में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। खास तौर से बुजुर्गो में शाम के वक्त या तड़के ब्लड प्रेशर बढ़ने से इन दोनों की चीजों का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इस दौर में बुजुर्गो को सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। वह अपने डॉक्टर से संपर्क में रहे और बीपी, हार्ट और डायबिटीज की दिक्कत हैं तो उसका पूरा फालोअप करते रहे।

आईसीयू में कोमार्बिट पेशेंट ज्यादा

एलएलआर हॉस्पिटल के न्यूरो कोविड आईसीयू में कोमार्बिडिटी के साथ भर्ती होने वाले कोरोना पॉजिटिव पेशेंट्स सबसे ज्यादा भर्ती हैं। यह लेवल थ्री का हॉस्पिटल हैं, लेकिन संडे को 18 क्रिटिकल कोमार्बिट संक्रमित भर्ती हुए। मंडे को 11 ऐसे गंभीर मरीज भर्ती हुए। ठंड की वजह से इन पेशेंट्स को मैनेज करने में ज्यादा प्रॉब्लम आती है, क्योंकि कोरोना के साथ उनमें ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक से जुड़ी प्रॉब्लम पहले ही काफी गंभीर हो चुकी होती हैं।

कोरोना के साथ कौन सी बीमारियां बनी डेडली

अब तक कोविड पेशेंट्स की कुल मौतें- 603

कोरोना प्लस डायबिटीज- 208 मौतें

कोरोना प्लस हार्ट अटैक- 45 मौतें

कोरोना प्लस किडनी डिसीज- 40 मौतें

नोट- आंकड़े एलएलआर कोविड हॉस्िपटल के

केस-1

स्ट्रोक से पहले कोरेाना का इलाज

गोविंद नगर में रहने वाले 68 साल की दो दिन पहले देर रात घर पर तबीयत बिगड़ गई। परिजन आनन फानन में उन्हें हैलट इमरजेंसी लेकर पहुंचे। डॉक्टर्स ने सीटी स्कैन कराया तो पता चला कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक पड़ा है। इसका इलाज शुरू होता उससे पहले बुजुर्ग की कोरोना जांच हुई जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इसके बाद इन बुजुर्ग को ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के साथ कोरोना का इलाज भी शुरू करना पड़ा।

केस-2

सर्वोदय नगर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एक 61 साल के बुजुर्ग को हार्ट प्रॉब्लम होने पर परिजन लेकर पहुंचे। हालत गंभीर होने पर उनकी फौरन कोरोना की जांच कराई गई तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इसके बाद डॉक्टर्स ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए और एंबुलेंस से उन्हें एलएलआर हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहा,लेकिन एंबुलेंस में ही बुजुर्ग की हालत बिगड़ती चली गई और जब वह हैलट की फ्लू ओपीडी में भर्ती होने के लिए पहुंचे,लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुी थी।

'' ठंड की वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के पेशेंट्स भी बढ़े हैं। इनमें से कई में कोरोना संक्रमण भी मिल रहा है। ऐसे में उनकी स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी यह खतरा और बढ़ेगा। बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए.''

डॉ। प्रेम सिंह, प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट,जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

'' बुजुर्ग लोग खास तौर से जिन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट की प्रॉब्लम है, उन्हें बेहद सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना वायरस के साथ सर्दी में इन बीमारियों का होना इलाज में काफी चुनौतियों को बढ़ा देता है.''

- डॉ। एसके गौतम, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन डिपार्टमेंट