कानपुर (ब्यूरो)। शुगर, जिसको हिंदी में शक्कर कहा जाता है। यह एक ऐसी चीज है जो कि हर किचन में पाई जाती है। हर घर में पाई जाने वाली शुगर को बनाने की तकनीक और कंट्रोल आदि को जानना चाहते है तो आपके शहर में आपके लिए बेस्ट आप्शन है। सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से चलने वाला नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआई) आपके शहर में है। यहां पर शुगर के अलावा दवाओं, शराब और अन्य केमिकल फैक्ट्रीज में यूज होने वाले अल्कोहल को बनाने से लेकर कंट्रोल तक की टेक्निक को यहां सिखाया जाता है। बताते चलें कि यहां से कोर्सों को करने वालों की शुगर, केमिकल और वाइन फैक्ट्रीज में डिमांड है। उनको महंगे पैकेज पर जॉब मिल जाती है। यहां पर पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स चलते है। पीजी डिप्लोमा करने के लिए ग्रेजुएशन और सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए मिनिमम 12वीं या डिप्लोमा इंजीनियरिंग किए होना अनिवार्य है। इसके अलावा एनएसआई से पीजी डिप्लोमा किए हुए स्टूडेंट्स को कई फेलोशिप प्रोग्राम भी है
31 मई तक करें एडमिशन के लिए आवेदन
यदि आप एनएसआई से स्टडी करना चाहते है तो आपके पास अभी मौका है। आप 31 मई तक एनएसआई की वेबसाइट पर जाकर एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते है। फेलोशिप छोड़ पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सों में एडमिशन टेस्ट के जरिए एडमिशन होगा।
इन आठ शहरों में होगा टेस्ट
एनएसआई में एडमिशन के लिए देश की आठ सिटीज में टेस्ट होगा, जिसमे कानपुर, पूणे, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, पटना, मेरठ और गोरखपुर शामिल है। एडमिशन टेस्ट 25 जून को होगा।
इन कोर्सों में मिलेगा एडमिशन
पीजी डिप्लोमा कोर्स - एसोसिएटशिप आफ एनएसआई इन शुगर टेक्नोलॉजी (60 सीटें), एसोसिएटशिप आफ एनएसआई इन शुगर इंजीनियरिंग (40 सीटें), इंडस्ट्रीयल फर्मेंटेशन एंड अल्कोहल टेक्नोलॉजी (50 सीटें), शुगरकेन प्रोडक्टिविटीव एंड मेच्योरिटी मैनेजमेंट (20 सीटें), इंस्ट्रूमेंटेशन एंड प्रोसेस कंट्रोल (17 सीटें) और क्वालिटी कंट्रोल एंड एनवायरमेंट साइंस (22 सीटें)।
सर्टिफिकेट कोर्स - शुगर बॉयलिंग (63 सीटें), शुगर इंजीनियरिंग (17 सीटें) और क्वालिटी कंट्रोल (30 सीटें)।
फेलोशिप - शुगर टेक्नोलॉजी या शुगर केमिस्ट्री, शुगर इंजीनियरिंग और फर्मेंटेशन टेक्नोलॉजी। बताते चलें कि फेलोशिप में सीटों की संख्या तय नहीं है। इनमें मांग के अनुसार एडमिशन होते है
नोट - पीजी डिप्लोमा कोर्स में बीएससी, बीटेक (अलग अलग विषय), सर्टिफिकेट कोर्स में एडमिशन के लिए 10वीं, 12वीं और डिप्लोमा इंजीनियरिंग की आवश्यकता होती है। इसके अलावा कई कोर्सों में वर्क एक्सपीरियंस भी मांगा गया है। वहीं फेलोशिप कोर्स में पीजी डिप्लोमा पीजी डिप्लोमा कर चुके स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलता है। अधिक जानकारी के लिए एनएसआई की वेबसाइट में लॉगिन कर सकते है।
एनएसआई में अलग अलग पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स चलते है। यहां से कोर्स करने वालों को इंस्टीट्यूट की शुगर मिल में प्रैक्टिकल के साथ साथ इंटर्नशिप के मौके दिए जाते है। यहां से कोर्स करने के बाद स्टूडेंट को जॉब मिलना लगभग तय रहता है।
प्रो। नरेंद्र मोहन, डायरेक्टर, एनएसआई