कानपुर (ब्यूरो)। Kalindi Express: कानपुर कासगंज रूट पर कालदी एक्सप्रेस को तीसरी बार दहशतगर्दों ने निशाना बनाया गया है। पहली बार साल 2017, दूसरी बार 2019 और अब 2024 में। हालांकि एक बार भी मकसद में कामयाबी नहीं मिली। ऐसे में सवाल है कि आखिर हर बार काङ्क्षलदी एक्सप्रेस को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है। दरअसल, कानपुर कासगंज रूट साजिश के लिए मुफीद है। दरअसल इस ट्रैक के पैरलल जीटी रोड गुजरता है, जो कन्नौज फर्रुखाबाद होते हुए भिवानी हरियाणा तक जाता है। जबकि दूसरे छोर पर कानपुर होते हुए प्रयागराज और लखनऊ तक ट्रांसपोर्ट के जरिए भागना आसान है। अधिकतर जगह से यह ट्रैक पूरी तरह से खुला है।

पैसेंजर ट्रेन पलटाने की साजिश

31 दिसबंर 2016 की रात मंधना स्टेशन के पास पेंडाल क्लिप खोलकर और पटरी काटकर कानपुर-फर्रुखाबाद पैसेंजर पलटाने की साजिश रची गई थी। इसकी जांच रेलवे समेत एटीएस, एसटीएफ और आईबी ने की थी, लेकिन नतीजा शून्य रहा। मामले के विवेचक तत्कालीन मंधना चौकी इंचार्ज मो। उस्मान ने 30 मार्च 2018 को इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

टॉयलेट में हुआ था विस्फोट

21 फरवरी 2019 की रात 8:23 बजे काङ्क्षलदी एक्सप्रेस बर्राजपुर स्टेशन पर रुकी। ट्रेन की जनरल बोगी के शौचालय में विस्फोट हुआ था। इसमें कोई घायल नहीं हुआ लेकिन शौचालय का फर्श टूट गया था और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई थी.रेलवे पुलिस ने शौचालय के पास से एक बोरी में मांस और जैश ए-मोहम्मद के नाम की एक चि_ी मिली थी। घटना की जांच के लिए बम स्क्वाड और स्निफर डॉग के साथ एसटीएफ और एटीएस की टीमें मौके पर पहुंची थीं। पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।

सिलेंडर रखकर डिरेल करने की कोशिश -जरूरत हो तो लगाएं

आठ सितंबर 2024 की रात 8.30 बजे बर्राजपुर से आगे ट्रैक पर भरा सिलेंडर रखा गया। ट्रेन की टक्कर से सिलेंडर स्लीपर से टकराते हुए 50 मीटर दूर जाकर गिरा। पेट्रोल बम, बारूद जैसा पाडडर और माचिस मिलने के बाद पुलिस, आइबी, एटीएस और एनआइए ने भी जांच शुरू की है। हालांकि अभी तक उनके हाथ कुछ खास नहीं लगा। लेकिन पहले हुए दोनों मामलों को मौजूदा साजिश से जोडऩे के लिए जांच एजेंसियों ने पुराने मामले भी खोल लिए हैँ।