सात पुरुषों और पांच महिलाओं की ज्यूरी ने दो दिन की चर्चा केबाद डॉक्टर कोनराड मरे को दोषी पाया। माइकल जैक्सन की मौत 25 जून 2009 को एक शक्तिशाली एनस्थीसिया प्रोपोफोल अधिक मात्रा में दिए जाने के कारण हुई थी।

58 वर्षीय डॉक्टर मरे को इस मामले में चार साल की सज़ा हो सकती है और डाक्टरी का उनका लाइसेंस छीना जा सकता है। मरे के वकीलों का कहना था कि जैक्सन ने एनस्थीसिया उस समय खुद ले लिया था जब डॉक्टर कमरे में नहीं थे। जब यह फैसला सुनाया जा रहा था तो डॉ मरे बिल्कुल चुपचाप बैठे हुए थे।

ज्यूरी में एक अफ्रीकी अमरीकी, छह श्वेत अमरीकी और पांच हिस्पानिक समुदाय के लोग थे जिन्होंने शुक्रवार से लेकर सोमवार की सुबह तक इस मामले पर विचार विमर्श किया।

कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में माइकल जैक्सन के प्रशंसक खड़े थे जो फैसला आने से पहले ही डॉक्टर मरे को दोषी मान चुके थे। मरे को हिरासत में भेज दिया गया है और अब उन्हें ज़मानत नहीं मिलेगी। उन्हें 29 नवंबर को सज़ा सुनाई जाएगी।

फै़सले के बारे में साफ़ करते हुए जज ने कहा कि डॉ मरे अब दोषी हैं और कैलिफोर्निया से बाहर उनके अच्छे संपर्क हैं इसलिए इस बात की गारंटी नहीं दी जा सकती कि मरे कैलिफोर्निया छोड़ कर नहीं जाएंगे। जैसे ही जज ने फैसला सुनाया, कोर्ट के अधिकारियों ने डॉ मरे को हथकड़ियां पहनाईं और उन्हें ले गए।

डॉ मरे के ख़िलाफ़ यह मामला पिछले छह हफ्ते से चल रहा था जिसमें 49 लोगों की गवाही ली गई और 300 से अधिक सबूत पेश किए गए थे। माइकल जैक्सन 2009 में लंदन में होने वाले एक कॉनसर्ट की तैयारी में जुटे थे और इससे पहले वो कई वर्षों तक लोगों की नज़रों से दूर रहे थे।

मामले की सुनवाई गुरुवार को ही खत्म हुई थी और अंतिम दिन अभियोजन पक्ष ने कहा था कि डॉ मरे की लापरवाही के कारण न केवल जैक्सन की मौत हो गई बल्कि दुनिया ने एक जीनियस खो दिया और जैक्सन के बच्चों को पिता नहीं मिल पाया।

बचाव पक्ष का तर्क था कि जैक्सन ड्रग्स के आदी थे और उन्होंने खुद ही प्रोपोफोल का ओवरडोज़ ले लिया था। जब जैक्सन ने दवाई का ओवरडोज़ लिया तब डॉक्टर जैक्सन के कमरे में नहीं थे।

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