कानपुर (ब्यूरो) शुक्रवार को जुमे की नमाज पर कानपुर में कमिश्नरेट पुलिस अलर्ट मोड पर रही। खास तौर पर नई सड़क समेत उन इलाकों में सख्ती रही जहां हाल ही में जुमे की नमाज के दौरान हिंसा फैली थी। पुलिस फोर्स ने पैदल गश्त किया, नमाज के दौरान आला अफसर वहां तैनात रहे। ड्रोन कैमरों से नजर रखी गई और वीडियोग्राफी भी कराई गई, ताकि समय पर इसका उपयोग किया जा सके। इसके अलावा बेकनगंज, चमनगंज, बजरिया, रावतपुर गांव, चकेरी, गम्मू खां का हाता, कर्नलगंज सहित अन्य अतिसंवेदनशील इलाकों में सख्ती रही। अफवाह फैलाने वालों पर भी पुलिस ने नजर बनाए रखी।


पुलिस ने फुट पेट्रोलिंग की
पुलिस अफसरों को फुट पेट्रोलिंग के लिए कहा गया है। इसके अलावा सोशल मीडिया की मॉनीटरिंग करने, अफवाहों का खंडन कर तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है। इसका असर कानपुर में भी दिखा और पुलिस अफसर फोर्स के साथ अतिसंवेदनशील इलाकों में सड़क पर दिखे। बता दें कि केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों पर 5 साल का बैन लगाया है।


मौलानाओं संग की वार्ता
कानपुर के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि जुमे की नमाज शांति के साथ संपन्न कराने के लिए मौलानाओं संग वार्ता की गई है। तय हुआ है कि युवाओं से अपील की जाएगी कि वे नमाज के बाद सीधे घर जाए और अफवाहों पर ध्यान न दे। पुलिस कर्मियों को कैमरे मुहैया कराए गए हैं, ताकि नमाज वाले स्थानों की वीडियोग्राफी कराई जा सके। साथ ही पुलिस फोर्स के साथ खुफिया को भी अलर्ट किया गया है।


इसलिए लगाया है बैन
बता दें कि पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगाया गया है। सरकार ने ये कदम पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए समेत तमाम जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद उठाया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, जांच में पता चला है कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध जमात उल मुजाहिद्दीन, बांग्लादेश से भी रहा है। ये दोनों संगठन प्रतिबंधित संगठन हैं।


आतंकी संगठनों से संबंध !
पीएफआई के वैश्विक आतंकी समूहों जैसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं। इतना ही नहीं, मंत्रालय का कहना है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन चोरी-छिपे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। इनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए ही केंद्र सरकार ने बैन लगाया है। अब इस संगठन से जुड़े सदस्यों पर सख्ती की जा रही है।