- जांबाज पुलिस ऑफिसर्स अब हवा में फायरिंग करने और हवा में ही दुश्मन को नेस्तनाबूत करने के गुर सीखेंगे
- इंडियन एयरफोर्स ने दी मंजूरी, अब तक हाकर हरीकेन से होती थी ट्रेनिंग, 1967 से यूपी पुलिस अकादमी के पास
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KANPUR : बड़ी से बड़ी चुनौती से निपटने के लिए पुलिस खुद को तैयार कर रही है। इसी के तहत अब आईपीएस और पीपीएस अधिकारियों को इंडियन एयरफोर्स के फाइटर प्लेन मिग-21 से ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग में जांबाज पुलिस ऑफिसर्स कमांडो की तरह हवा में फायरिंग करने और हवा में दुश्मन को नेस्तनाबूत करने के गुर सीखेंगे। हवाई हमले से किस तरह से खुद को और अपनी टीम को सेव करना है ये भी ट्रेनिंग का अहम पार्ट है। जमीन से रस्से के सहारे विमान में चढ़ने और उतरने की कला भी सीखेंगे।
देश की धरोहर बनेगा हरीकेन
पुलिस ऑफिसर्स को अभी तक आसमान में लड़ने की ट्रेनिंग अभी तक हाकर हरीकेन विमान से दी जाती थी। हाकर हरीकेन विमान सिर्फ यूपी पुलिस के पास है। पुलिस इस हरीकेन को एयरफोर्स को सौंप देगी जिसे देश की धरोहर के रूप में संरक्षित किया जाएगा। अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के दौर में हरिकेन मौजूदा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। इसलिए अब इसकी जगह अत्याधुनिक मिग-21 का इस्तेमाल होगा। एयरफोर्स ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। वन सीटर बमवर्षक हाकर हरिकेन विमान को वायुसेना को सौंपने के लिए हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे संबंधित प्रस्ताव फिलहाल शासन में लंबित है। उत्तर प्रदेश सरकार से हरी झंडी मिलने ही प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
देखते ही ठहर जाती है नजर
डॉ। भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद के राइडिंग ग्राउंड चक्कर की मिलक में हरिकेन विमान 1967 में उतरा था। इसके बाद इसे 23 वीं वाहिनी पीएसी के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस अकादमी के तत्कालीन निदेशक आईपीएस सीबी सत्पथी ने विमान का मेंटिनेंस कराकर 21 दिसंबर 2006 को दोबारा पुलिस अकादमी में स्थापित करवा दिया। इस वक्त हरिकेन विमान पुलिस अकादमी के अफसर मेस की शोभा बढ़ा रहा है। इस देखते ही राह चलते लोगों की नजर ठहर जाती है। इसके सुनहरे अतीत को जानने व समझने की ललक हर किसी में होती है। हर जानकारी शिलापट पर अंकित है।
द्वितीय विश्वयुद्ध का शेर है हॉकर हरीकेन
द्वितीय विश्वयुद्ध (1939-1945) में हाकर हरीकेन विमान इंग्लैंड की सेना का प्रमुख युद्धक विमान था। बाद में यह भारतीय वायुसेना में भी शामिल हुआ। उस समय इसकी अधिकतम गति 550 किमी प्रति घंटा थी। अतिरिक्त ईंधन के साथ उड़ान क्षमता 1,585 किमी थी। मशीन गन से लैस यह विमान 227 किग्रा बम भी ले जा सकता था। फेरीवाले तूफान के नाम से विख्यात हाकर हरीकेन से इंडियन एयरफोर्स का गहरा लगाव है। पुलिस अकादमी के एडीजी राजीव कृष्ण बताते हैं कि इकलौते मार्शल ऑफ द एयरफोर्स रहे अर्जन सिंह हाकर हरीकेन पर उड़ान भर चुके हैं। इस तथ्य का पता चलने के बाद ही एयरफोर्स ने हाकर हरीकेन को लेने की पहल की है। पूरे भारत में हाकर हरीकेन विमान सिर्फ पुलिस अकादमी के ही पास है। इस किस्म का दूसरा विमान फिलहाल मौजूद नहीं है।
पुलिस की ताकत बढ़ाएगा मिग-21
-प्लेन की लंबाई 19 मीटर, डैनों का फैलाव 15 मीटर, ऊंचाई 6 मीटर और वजन 11,000 किलोग्राम है।
- इस विमान में 17,500 किलोग्राम तक गोला-बारूद और अन्य हथियार लगाए जा सकते हैं।
- ये विमान अधिकतम 29,700 किलोग्राम वजन लेकर उड़ान भर सकता है।
- एक बार उड़ान भरने पर विमान 2,000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।
- विमान 2,400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है।
- 3 एक्सटर्नल फ्यूल टैंक्स की मदद से विमान के चक्कर काटने की सीमा 3,100 किमी तक हो सकती है।
- इस प्लेन में तोप 150 राउंड्स के गोले के साथ लोड की जा सकती है।
-हवा से हवा में मार करने वाली 4 और 3 हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई गई हैं।
- इसके अलावा प्लेन में कई अन्य तरह के रॉकेट्स भी लगाए गए हैं।
हाकर हरिकेन विमान के बदले इंडियन एयरफोर्स यूपी पुलिस को मिग 21 विमान देने को तैयार है। ताकि उसे पुलिस अकादमी में रखकर ट्रेनिंग दी जा सके। एयरफोर्स ने इसके लिए पुलिस अकादमी के साथ उत्तर प्रदेश शासन को भी लेटर भेज दिया है। शासन से अप्रूवल मिलते ही हाकर हरिकेन को एयरफोर्स को सौंप दिया जाएगा।
-राजीव कृष्ण, एडीजी व डायरेक्टर, डॉ। भीमराव आंबेडकर पुलिस एकेडमी