कानपुर (ब्यूरो) 82वें ऐतिहासिक हटिया होली मेला की शुरूआत एमएलसी सलिल विश्नोई, एमएलए अमिताभ बाजपेई, डीएम विशाख जी और पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदण्ड ने पुलिस बैंड की धुन पर ध्वजारोहण किया। इसके बाद पार्क में लगे क्रांतिकारियों के शिलालेख पर पुष्पांजलि दी गई। वंदेमातरम के जयघोष के साथ कानपुराइट्स को रंगों से सराबोर करने के लिए रंगों का ठेला निकला। रंग के ठेले के साथ दस ऊंट, आठ लोडर, चार ट्रैक्टर पर सवार लोगों ने रंगों की जम कर बारिश की।

आजादी के तराने पर झूमें
अबीर-गुलाल उड़ाते हुए रंगों का ठेला जैसे -जैसे आगे बढ़ता गया। जश्न में शामिल होने वालों की भीड़ बढ़ती गई। रंग के ठेले के साथ चल रही जेङ्क्षटग मशीन ने खूब सराबोर किया। यूथ्स के साथ बच्चे और बुजुर्ग होली की मस्ती में डूबे नजर आए। होली खेले रघुवीरा अवध में, होली आई रे कन्हाई और होली के दिन दिल मिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं गीतों के साथ आजादी के तराने मेरा रंग दे वसंती चोला ने हर किसी को क्रांतिकारियों की याद में मनाई जा रही होली के रंगों पर झूमने को विवश कर दिया। भारत माता के जयकारों के साथ बीच रंगों के ठेला जिस गली-मोहल्लों से लोग छतों व बालकनी से अबीर-गुलाल व रंग की वर्षा की। हटिया से शुरू रंग का ठेला जनरलगंज बजाजा, मनीराम बगिया, मूलगंज, टोपी बाजार, चौक स्थित कोतवालेश्वर मंदिर में पूजन के बाद चौक सराफा, कोतवाली, मेस्टन रोड, शिवाला, कमला टावर, बिरहाना रोड, नयागंज, काहूकोठी, लाठी मोहाल होते हुए रज्जन बाबू पार्क में समाप्त हुआ। हटिया होली मेला के संरक्षक मूलचंद्र सेठ, संयोजक ज्ञानेंद्र विश्नोई, संतोष बाजपेयी, कृतज्ञ, विनय, मयंक आदि मौजूद रहे।

हुई पुष्पवर्षा, सौहार्द का रंग बरसा
जब रंग का ठेला मूलगंज चौराहा पर पहुंचा तो इसमें सौहार्द का रंग भी देखने को मिला। मुस्लिम भाईयों ने ऐतिहासिक होली मेले में शामिल लोगों का स्वागत कर गुझिया खिला कर मुंह मीठा कराया। ङ्क्षहदू-मुस्लिम ने गले मिलकर एक-दूसरों को गंगा मेला की बधाई दी। वहीं, खास बाजार केस्को के सामने तिरंगा लहरा कर पुष्प वर्षा की। कई प्रमुख मार्गों में रंग के ठेले का स्वागत किया गया। वहीं शाम को रज्जन बाबू पार्क हटिया में लगे बाल मेले में बच्चों ने झूला झूल कर फन गेम्स खेले और जमकर मस्ती की। --

क्यों मनाया जाता होली मेला
सन 1942 में अंग्रेजी हुकूमत ने होली खेलने पर पाबंदी लगा दी थी, विरोध जताते हुए आजादी के दीवानों ने रज्जन बाबू पार्क हटिया में पहले तिरंगा फहराया और फिर होली खेली। होली खेल रहे लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके विरोध में बाजारें बन्द कर लोगों ने दिन-रात खेली। इससे अंग्र्रेज परेशान हो गए और क्रांतिकारियों को छोडऩा पड़ा। अनुराधा नक्षत्र के दिन क्रांतिकारियों की रिहाई हुई। जीत की खुशी में लोग रंगों की बौछार करते हुए अपने साथियों को लेने जेल तक पहुंचे थे। तभी से अनुराधा नक्षत्र में आजादी के जश्न के रूप होली गंगा मेला मनाए जाने की परम्परा शुरू हो गई जो बदस्तूर जारी है।

नियम से नहीं फोड़ी मटकी, ईनाम नहीं मिला
गंगा मेला पर बिरहाना रोड पर मटकी फोड़ में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। रंग में सराबोर होरियारों ने बज रहे डीजे पर जमकर डांस किया। इस दौरान आसपास की बिल्डिंग्स से पानी की बौछार लगातार होती रही। होरियारे इस कदर मस्ती में चूर थे कि उन्हें डांस के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा था। उड़ाए जा रहे रंग-गुलाल से पूरा माहौल रंग में डूब गया। बिरहाना रोड नवयुवक संघ की तरफ से आयोजित मटकी फोड़ का ये 24वां साल था। संस्था के अध्यक्ष गणेश बाजपेई, महामंत्री रिंकू ठाकुर व मयूर पटेल ने बताया कि मटकी फोडऩे के लिए शहर के दूर-दराज इलाकों से टीमें आईं। एक टीम ने नियम को न मानते हुए मटकी तोड़ दी, लेकिन आयोजकों ने निर्धारित ईनाम उस टीम को देने से साफ मना कर दिया। इस बार की ईनाम राशि अगले वर्ष की ईनाम राशि में जोड़ दी जाएगी। पार्षद विकास जायसवाल शिवविलास जौहरी, विनीत सहगल, उज्जवल जायसवाल, हर्षित मेहरोत्रा आदि ने कार्यक्रम की व्यवस्था संभालने में सहयोग दिया।