- सीओडी ओवरब्रिज की दूसरी लेन भी शुरू, 26 जनवरी को मंत्री सतीश महाना ने कर दिया इनॉग्रेशन
-2007 में हुआ था शिलान्यास, 55.48 करोड़ की लागत से बना ब्रिज, 165 पिलर पर खड़ा है पुल
kanpur@inext.co.in
KANPUR : 26 जनवरी 2020 की डेट सीओडी ओवरब्रिज का इतिहास बन गई। 13 साल के इंतजार के बाद गणतंत्र दिवस पर कैबिनेट मिनिस्टर सतीश महाना ने इसका इनॉग्रेशन किया। इसके साथ ही दूसरी लेन पर भी ट्रैफिक शुरू हो गया। इसके पूर्व 5 फरवरी 2018 को ओवरब्रिज की पहली लेन शुरू की गई थी, जिसके बाद से दूसरी लेन शुरू होने का इंतजार कानपुराइट्स को था।
मंत्री खुद ई-रिक्शा चला कर
गणतंत्र दिवस पर फूलबाग में झंडारोहण के बाद मंत्री सतीश महाना सीओडी ब्रिज पहुंचे। फीता काटकर ब्रिज की दूसरी लेन शुरू की। दूसरी लेन को राहगीरों के लिए खोलने के पहले मंत्री महाना खुद ई-रिक्शा चला कर टाटमिल छोर की तरफ गए।
ओवरब्रिज 165 पिलर पर
ब्रिज की टाट मिल की ओर 350 मीटर और रामादेवी की ओर 400 मीटर लंबाई है। इसमें क्रॉसिंग के ऊपर रेलवे का 25 मीटर हिस्सा है। यह फोरलेन ब्रिज 165 पिलर पर बना है।
यहां के लोगों को फायदा
श्यामनगर, सुजातगंज, चकेरी, रामादेवी, गांधीग्राम, कृष्णानगर, शिवकटरा, अहिरवां, महाराजपुर
एक नजर में सीओडी ओवरब्रिज
- जनवरी, 2008 में टू लेन सीओडी आरओबी का निर्माण शुरू
- 26 नवंबर 2009 को फोरलेन ब्रिज बनाने की स्वीकृति मिली
- 34.41 करोड़ रुपए इस्टीमेटेड लागत पहली बार स्वीकृत हुई
- 13 जून 2010 को बिस्वा इंफ्राटेक हैदराबाद को काम मिला
- 22 जुलाई 2010 को बिस्वा इंफ्राटेक ने काम शुरू कर दिया
- 19 अक्टूबर 2013 को बिस्वा इंफ्राटेक से करार खत्म हुआ
- 01 फरवरी 2014 को एसएच इंफ्राटेक को काम दिया गया
- 31 जुलाई 2017 तक कंपनी को काम कम्प्लीट करना था
- 05 फरवरी 2018 को ब्रिज की पहली लेन शुरू की गई
- 55.48 करोड़ रुपए हो गई ओवरब्रिज निर्माण की लागत
--------------
कई साल से तमन्ना थी कि इस पुल से फर्राटा भरते हुए निकलूं। अब जाकर मुराद पूरी हुई है।
-अनुज निगम
सीओडी ब्रिज शुरू होने की बात मेरे दोस्त दिल्ली से पूछ रहे हैं। लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।
-शुभम दीक्षित
गणतंत्र दिवस के मौके पर सीओडी ओवरब्रिज की शुरुआत होने से मुझे दोहरी खुशी हुई है।
-सुमित श्रीवास्तव
-------------
सीओडी पुल जनता को समर्पित करना, मेरे एक सपने के पूरा होने जैसा है। कोशिश रहेगी कि सीओडी जैसा हश्र दूसरे ब्रिज का न हो।
सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री।