कानपुर (ब्यूरो) एंटी करप्शन टीम के मुताबिक 11 मार्च को वन रक्षक प्रेम चंद्र सिंह उनके पास आए, उन्होंने बताया कि वे भूतपूर्व एयर फोर्स कर्मी हैैं। 2016 में स्वैच्छिक सेवानिवृति के बाद वे वन विभाग में वन रक्षक के पद पर काम कर रहे हैैं। एयरफोर्स में सार्जेंट के पद पर कार्यरत थे। एयरफोर्स के बाद वे वन विभाग मेें वन रक्षक के पद पर काम कर रहे थे। उन्हें घरेलू काम के लिए रुपये की जरूरत थी लिहाजा उन्होंने अपने एरियर से 10 लाख रुपये निकालने का आवेदन दिया था। वन विभाग में तैनात सीनियर क्लर्क इस रकम को सरकारी खाते से निकालकर उनके खाते में डालने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। जिसे लेकर प्रेम चंद्र सिंह ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी।
केमिकल लगे नोट लेकर पहुंचे
ट्रैप प्लान के मुताबिक शुक्रवार को 50 हजार रुपये देने की बात तय हुई थी, जिसके बाद प्रेम चंद्र सिंह ने इंस्पेक्टर एकता त्यागी से संपर्क किया। टीम के साथ केमिकल लगे नोट लेकर प्रेम चंद्र सिंह वन विभाग के कार्यालय पहुंची, जहां सीनियर क्लर्क श्री राम सिंह को 50 हजार रुपये दिए गए। रुपये गिनने के दौरान टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पहले तो आरोपी श्री राम सिंह ने खुद को पाक साफ बताते हुए टीम को अरदब में लेने की कोशिश की लेकिन जब हाथ धुलाए गए तो सारी असलियत सामने आ गई।
बीते महीने ही किया था ट्रैप
एंटी करप्शन टीम ने 2022 में केवल दो ट्रैप किए थे जबकि 2023 में आवास विकास के बाबू समेत ये तीसरा ट्रैप है। नवाबगंज इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी को शनिवार को जेल भेजा जाएगा।