-आईटीएमएस के तहत लगे 68 चौराहों पर नहीं है लाइट का बैकअप
- डेली 1500 ई-चालान जेनरेट हो रहे हैं, जबकि मिनिमम 5 हजार हो
KANPUR: सिटी का ट्रैफिक सिस्टम एक छोटी चीज बैट्री की वजह से फिर से वेंटीलेटर पर आ गया है। अधिकतर चौराहों पर ट्रैफिक लाइट बंद हैं और ट्रैफिक मनमाने ढंग से चल रहा है। लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। 2 साल पहले 34 करोड़ रुपए से 68 चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत टै्रफिक लाइट का यूपीएस में बैट्री बैकअप पूरी तरह से बेकार हो चुका है। लाइट जाते ही ट्रैफिक लाइट भी तुरंत बंद हो जाती हैं और दोबारा शुरू होने में कम से कम 3 घंटे का वक्त लगता है। ऐसे में जहां ट्रैफिक लाइट जल भी रही हैं, वहां भी ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाती हैं।
बैट्री के लिए टेंडर
नगर निगम ट्रैफिक सेल के मुताबिक ओनिक्स कंपनी ने बैट्री बैकअप न होने से ट्रैफिक लाइट बंद होने का हवाला दिया। सभी 68 चौराहों पर यही प्रॉब्लम आ रही थी। ऐसे में नगर निगम ने सभी 68 चौराहों पर यूपीएस की बैट्री बदलने के लिए टेंडर कॉल किया, लेकिन किसी कंपनी ने पार्टिसिपेट नहीं किया। फिर से टेंडर कॉल किए गए हैं। ट्रैफिक सिग्नल के सही संचालन के लिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में ओनिक्स कंपनी के प्रतिनिधि को बैठाकर हर 2 घंटे में मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
नहीं हो पा रहे ई-चालान
ट्रैफिक सिग्नल के बंद होने से स्मार्ट सिटी के तहत लगे 19 चौराहों पर ई-चालान भी जेनरेट नहीं हो रहे हैं। कुछ चौराहों पर बमुश्किल की चालान जेनरेट किए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी आंकड़ों के मुताबिक रोजाना 1500 ई-चालान जेनरेट हो रहे हैं। जबकि मिनिमम 5 हजार ई-चालान जेनरेट होने चाहिए।
ट्रैफिक कर्मियों की होगी ट्रेनिंग
अफीमकोठी और चावला मार्केट समेत अन्य चौराहों पर हैवी ट्रैफिक होने की वजह से ट्रैफिक पुलिस कर्मी रेड लाइट होने पर भी ट्रैफिक को जाने की परमीशन दे रहे हैं। इससे कमांड सेंटर में चालान काटने में मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। इसको देखते हुए स्मार्ट सिटी के तहत ट्रैफिक कर्मियों की ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
मेट्रो ने काट दी फाइबर लाइन
स्मार्ट सिटी सोर्सेज के मुताबिक कई चौराहों पर रेड लाइट वॉयलेशन और स्पीड वॉयलेशन के लिए कैमरे लगाए गए थे। लेकिन अक्सर चौराहों पर टेक्निकल प्रॉब्लम बनी हुई है, इससे भी ट्रैफिक व्यवस्था धड़ाम हो रही है। यशोदा नगर में किसी ने तार ही नोच दी, जिससे ई-चालान बंद हो गए। इसके अलावा गौशाला फर्स्ट चौराहा पर मेट्रो ने सेकेंड फेज शुरू करने के लिए खुदाई की, जिसमें फाइबर केबिल कट गई।
नगर निगम दे रहा 25 लाख
केडीए ने सिटी में 68 चौराहों पर आईटीएमएस लगाने के लिए ओनिक्स कंपनी को ठेका दिया था। इसमें 1 साल का मेंटेनेंस भी शामिल था। अब नगर निगम ने ओनिक्स से मेंटेनेंस एग्रीमेंट किया है। करीब 25 लाख रुपए का सालाना मेंटेनेंस नगर निगम देगा। लेकिन हर महीने चौराहों पर लगे टै्रफिक सिग्नल के मंथली संचालन के आधार पर ही कंपनी को पेमेंट दे रहा है। ट्रैफिक सिग्नल बंद होने पर उस दिन की मेंटेनेंस कॉस्ट हटा दी जाती है।
यहां फिर ई-चालान होंगे शुरू
-अफीमकोठी चौराहा
-ग्रीनपार्क चौराहा
-परेड चौराहा
-यशोदा नगर
-नौबस्ता चौराहा
-रामादेवी चौराहा
-सचान गेस्ट हाउस चौराहा
स्मार्ट रोड की वजह से ई-चालान बंद
-नरौना चौराहा
-फूलबाग चौराहा
मेट्रो की वजह से ई-चालान बंद
-बिठूर तिराहा
-गुरुदेव चौराहा
-गोल चौराहा
इन चौराहों पर हो रहे ई-चालान
-लालइमली चौराहा
-फजलगंज फायर स्टेशन तिराहा
-घंटाघर
-टाटमिल
-कंपनीबाग चौराहा
-ईदगाह चौराहा
-गौशाला सेकेंड चौराहा
-बर्रा बाईपास
-भैरवघाट चौराहा
-जरीबचौकी चौराहा
आईटीएमएस के तहत लगे ट्रैफिक सिग्नल के सही संचालन के लिए यूपीएस में बैट्री की प्रॉब्लम सामने आई है। सभी 68 चौराहों पर बैट्री के लिए टेंडर कराए जा रहे हैं।
-एसके सिंह, चीफ इंजीनियर, नगर निगम।