- आईएससी, आईसीएसई के रिजल्ट्स घोषित, कानपुर में 62 स्कूलों के 8 हजार स्टूडेंट्स का आया रिजल्ट
- आईसीएसई(10वीं) में गर्ल्स का पासिंग परसेंटेज 99.86 तो ब्वायज का पासिंग परसेंटेज रहा 99.66
- जो स्टूडेंट्स नंबर्स को लेकर संतुष्ट नहीं, वह कर सकते हैं शिकायत, री एग्जामिनेशन का विकल्प भी
KANPUR: फ्राईडे को सीआईएससीई (काउंसिल फार द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंसस) की ओर से 10वीं और 12वीं के रिजल्ट्स घोषित किए गए। जिसमें नार्थ रीजन में 99.97 परसेंट स्टूडेंट्स पास हुए। कानपुर में काउंसिल से एफिलिएटेड कुल 62 स्कूलों में पढ़ने वाले 8 हजार के करीब बच्चों के रिजल्ट्स आए। कोरोना की वजह से इस बार काउंसिल की ओर से एग्जाम नहीं कराए गए थे। एक फार्मूले के आधार पर रिजल्ट्स बना कर घोषित किए गए। जिसमें किसी तरह की मेरिट लिस्ट तैयार नहीं की गई थी और ना टॉपर्स घोषित किए गए। आईसीएसई में 99.98 परसेंट और आइर्1एससी में 99.76 परसेंट रिजल्ट रहा।
रिएग्जामिनेशन का ऑप्शन
काउंसिल की ओर से जारी किए गए रिजल्ट्स में लड़कों के मुकाबले लड़कियों का पासिंग परसेंटेज ज्यादा रहा। आईसीएसई में गर्ल्स का पासिंग परसेंटेज 99.86 प्रतिशत रहा। वहीं ब्वायज का पासिंग परसेंटेज 99.66प्रतिशत रहा। कई स्कूलों की ओर से कंप्लेन की गई कि उनके यहां के अच्छे बच्चों के जितने नंबर एक्सपेक्ट किए गए थे। उतने नहीं मिले। काउंसिल की ओर से रिजल्ट्स को लेकर आपत्ति पर दो तरह के ऑप्शन दिए गए हैं। जो स्टूडेंट्स नंबर्स को लेकर संतुष्ट नहीं है। वह शिकायत कर सकते हैं। साथ ही वह रि एग्जामिनेशन का विकल्प भी चुन सकते हैं।
फार्मूले से नए स्कूलों को फायदा
सीआईएससीई के रिजल्ट्स के लिए दो मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दिया गया। काउंसिल के सिटी कोआर्डिनेटर केवी विंसेंट ने जानकारी दी कि इवैलुवेशन के लिए स्कूलों के 6 साल के रिजल्ट्स को देखा गया। इसके अलावा स्टूडेंट के लास्ट ईयर के परफार्मेस को क्राइटेरिया माना गया। ऐसे में नए स्कूलों को फायदा मिला है। स्कूलों की ओर से स्टूडेंट्स के मार्क्स शीट बना कर काउंसिल को भेजी गई थी। इसके बाद दोनों क्राइटेरिया के मुताबिक काउंसिल ने हर स्टूडेंट का इवैलुवेशन कर रिजल्ट तैयार किया।