बहन ने बचाया था करियर
टेस्ट डेब्यू करने वाले कुलदीप क्रिकेट के शुरुआती दिनों में टीम में नहीं चुना जाने के कारण क्रिकेट छोडऩे का मन बना चुके थे, लेकिन बहन की एडवाइज के बाद उन्होंने फिर से शुरुआत की और आज वहां पहुंच गए, जहां पहुंचने का सपना हर खिलाड़ी देखता है। 3 बहनों के इकलौते भाई कुलदीप की तीसरी बहन मधु यादव ने कहा, 'कुलदीप लगातार दो साल तक स्टेट लेवल ट्रायल में सेलेक्ट नहीं हुआ तो उसने क्रिकेट छोडऩे का मन बना लिया। हालांकि मैंने और पापा ने उसे क्रिकेट खेलना जारी रखने को कहा। मुझे अच्छी तरह याद है कि मैंने उससे कहा था कि तुममें टैलेंट है, जिसे निखारना होगा और अपने दम पर हर टीम में जगह बनानी होगी। इसके बाद कुलदीप ने कड़ी मेहनत की और टीम में चुना गया। आज कुलदीप की सफलता पर उनके घर पर सभी बहुत खुश हैं।
पिता बोले, सपना पूरा हुआ
कुलदीप के पिता राम सिंह यादव भी बेटे के अचीवमेंट से खुश हैं। उन्होंने पूरा दिन मैच देखा और जैसे ही कुलदीप ने विकेट लिया, वो खुशी से उछल पड़े। राम सिंह यादव के मुताबिक, 'मुझे उम्मीद थी कि कुलदीप को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सिरीज में मौका मिलेगा, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ। जब उसे आस्ट्रेलिया के खिलाफ चुना गया तो मेरा हौसला बढ़ा, लेकिन तीन टेस्ट के बाद मुझे लगने लगा कि अभी उसका समय नहीं आया है। धर्मशाला का विकेट भी बैटिंग विकेट बताया जा रहा था तो कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन शुक्रवार को जब उसने अपने डेब्यू के बारे में बताया तो पूरा घर खुशी से झूम उठा। ऐसा लग रहा है कि मेरा बरसों पुराना सपना पूरा हो गया।
ये गेंदबाज भी हैं चाइनामैन
इंटरनेशनल लेवल पर चाइनामैन गेंदबाज कम ही नजर आते हैं। मौजूदा दौर में इस स्टाइल को जो गेंदबाज अपना रहे हैं उनमें कुलदीप यादव के अलावा ब्रैड हॉग, तबरेज शम्शी और शिविल कौशिक शामिल हैं। इससे पहले एलिस अचॉन्ग, गैरी सोबर्स, पॉल एडम्स, जॉनी वार्डल, लक्षण संदाकन भी चाइनामैन गेंदबाजी करते थे।
क्या है चाइनामैन?
जब बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को अंगुलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराते हुए ऑफ स्पिन की जगह लेग स्पिन कराए तो उसे चाइनामैन कहते हैं। यह टर्म साल 1933 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान आया था, जब वेस्टइंडीज के बाएं हाथ केऑर्थोडॉक्स गेंदबाज एलिस अचॉन्ग ने इंग्लिश बल्लेबाज वाल्टर रॉबिंस को ऑफ स्टंप के बाहर से गेंद को टर्न कराकर बोल्ड कर दिया था। चौंकाने वाली गेंद पर बोल्ड होने के बाद रॉबिंस ने पवेलियन लौटते समय झल्लाकर अंपायर से एलिस के लिए अपशब्दों के साथ चाइनामैन शब्द का प्रयोग किया था। इसी के बाद से अजीबोगरीब एक्शन वाले ऐसे गेंदबाजों को चाइनामैन गेंदबाज कहा जाने लगा।
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कुलदीप के करियर पर एक नजर
-कुलदीप जब 17 साल के थे तब वह अंडर-19 वर्ल्ड कप में जगह नहीं बना सके।
-दो साल बाद उन्हें इस टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला और उन्होंने स्कॉटलैंड के खिलाफ हैट्रिक ली।
-वह 2013-14 में लगातार दूसरे सीजन में वीनू मांकड ट्रॉफी के सात मैचों में 22 विकेट लेकर बेस्ट बॉलर बने।
-उन्होंने अपने फस्र्ट क्लास करियर की शुरुआत 2014 में दलीप ट्रॉफी से की। उन्होंने इसके इकलौते मैच में तीन विकेट लेने के साथ हाफसेंचुरी भी लगाई।
-2016-17 में उन्होंने पहली बार यूपी की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेली और 8 मैचों में 35 विकेट भी चटकाए। इस दौरान उन्होंने अपनी इकलौती सेंचुरी भी जमाई, जबकि दो बार पांच या ज्यादा विकेट लिए।
-उन्होंने इस सीजन की शुरुआत में गुलाबी गेंद से दलीप ट्रॉफी में खेलते हुए तीन मैचों में 17 विकेट लिए और इंडिया रेड को फाइनल तक पहुंचाया।
-2014 में हुई टी-20 चैंपियंस लीग में उन्होंने पांच मैचों में कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से छह विकेट लिए।
-केकेआर ने उन्हें 66 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा था और 2016 के आइपीएल में कुलदीप ने तीन मैचों में छह विकेट लिए।
rajeev.tripathi@inext.co.in
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