इस दंपती पर धोखाधड़ी और सरकार की निंदा करने का आरोप लगाया गया है। वैसे नी-यूलान और डोंग ज़िचिन के समर्थकों के अनुसार उन दोनों के खिलाफ़ की जा रही ये कार्यवाई देश के भीतर होने वाली आलोचना के प्रति चीनी सरकार की सहनशीलता का कम होना दर्शाता है।
नी-यूलान और डोंग ज़िचिन उन लोगों की कानूनी मदद किया करते थे, जिनके घरों को सरकार ज़ब्त करने में लगी थी। इस सप्ताह की शुरुआत में भी चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध करने पर दो लोगों को लंबे समय के लिए जेल की सज़ा सुनाई गई थी।
व्हील-चेयर के सहारे चलने वालीं 51 साल की नी-यूलान और उनके पति डोंग ज़िचिन पर अशांति फैलाने के आरोप में मुकदमा चलाया जा रहा है। सुनवाई की कार्यवाही देखने पहुंचे कूटनीतिज्ञों, पत्रकारों और अन्य लोगों को कोर्ट परिसर के बाहर ही रोक दिया गया था।
10 साल पहले हुई शुरुआत
करीब दस साल पहले जब बीजिंग के कम्युनिस्ट अधिकारियों ने विकास के नाम पर उनका घर ले लिया तब उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध करना शुरु कर दिया।
उस वक्त पुलिस की पिटाई में वे हमेशा के लिए अपाहिज हो गईं थीं। इतना ही नहीं सरकार ने आधिकारिक तौर पर उनके वक़ालत करने पर भी रोक लगा दी थी। इस दौरान नी-यूलान को दो बार जेल की सज़ा भी हो चुकी है। फिर भी नी-यूलान ने अपने पति के सहयोग से सरकार की नीति के खिलाफ़ लोगों को सलाह देती रहीं।
ज़मीन की क़ीमत बढ़ी
विकास कार्यों में आई तेज़ी ने चीन में ज़मीन की क़ीमत काफ़ी बढ़ा दी है, जिसके बाद कई स्थानीय सरकारों ने भी लोगों की ज़मीन ज़ब्त शुरू कर दिया है।
चीन के लोगों और सरकार के बीच ये विवाद का सबसे प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है, क्योंकि लोगों के अनुसार जब इस तरह से ज़मीन ज़ब्त की जाती है तब इसका फ़ायदा पार्टी नेताओं और व्यापारियों को होता है ना कि आम नागरिकों को।
इस महीने की शुरुआत में भी दक्षिणी चीन के वुकान प्रांत में अवैध ज़मीन अधिग्रहण से नाराज़ गांव वालों ने कम्युनिस्ट अधिकारियों और पुलिस को गांव से भगा दिया था।
जबकि इसी सप्ताह सरकार विरोधी भावनाओं को भड़काने के आरोप में दो विरोधियों चेन-शी और चेन-वेई को दस और नौ साल के लिए जेल भेज दिया गया था।
चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी अगले साल अपने शीर्ष नेतृत्व में बदलाव करने जा रही है, ऐसे में वो अपने ख़िलाफ़ उठी किसी भी आवाज़ को हल्के से लेने के मूड में नहीं है।
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