ख़बरों के अनुसार इस हादसे के बाद चीन की सरकार की काफ़ी आलोचना हुई थी जिसे सरकार ने दबाने की कोशिश भी की थी। जहां साढ़े तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ने वाली चीनी बुलेट ट्रेनों पर नियमित सुरक्षा जांच की जा रही है, वहीं सरकार ने फ़ैसला किया है कि इन ट्रेनों की गति को अब घटाया जाएगा.
समाचार एजेंसी एपी ने चीन के रेल मंत्री के हवाले से कहा कि अब 350 किलोमीटर प्रति घंटा दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन की गति को घटाकर 300 कर दिया जाएगा और 250 किलोमीटर प्रति घंटा चलने वाली ट्रेनों की गति को कम कर 200 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया जाएगा.
चीन की मीडिया के मुताबिक़ जो ट्रेन कम गति पर भी चलती हैं, उनकी गति को भी घटाने के आदेश दिए जाएंगें। चीन का हाई-स्पीड रेल नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और चीन इसे राष्ट्रीय प्रतिष्ठा मानता है। हालांकि आलोचकों का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क को बहुत ही हड़बड़ी में बनाया गया.
चीन के अधिकारियों पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि आधुनिक बनने की होड़ में उन्होंने सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता नहीं दी। शांघाई में बीबीसी संवाददाता मार्टिन पेशंस का कहना है कि इस घोषणा के बाद बीजिंग को काफ़ी शर्मिंदगी होगी क्योंकि यहां के रेल नेटवर्क को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में देखा जाता है.

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