कानपुर (ब्यूरो) कोरोना काल में जिले में कई लोगों की मौत हुई थी, इसमें कई बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों ही गंवा दिए थे। गरीबी और आर्थिक तंगी से परेशान इन लोगों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड-19) की शुरुआत की गई थी। जिसके तहत कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए हर महीने चार-चार हजार रुपए देने का ऐलान किया गया। कानपुर जिले में 226 बच्चे इस कैटेगरी में चिन्हित किए गए। जिनकी फैमिली का इनकम सोर्स ही खत्म हो गया था।
बजट न होने के चलते रुका मुआवजा
शुरुआती दौर से इन सभी बच्चों और उनके करीबियों के बैंक अकाउंट में समय से चार-चार हजार रुपए की सहायता धनराशि जमा कराई जा रही थी। ताकि इनका लालन पोषण सही से होता रहे, लेकिन अब राशि न मिलने पर बच्चों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक, बजट न होने के चलते मार्च 2022 से इनके पैसे को रोक दिया गया है। दावा है कि अगले कुछ दिनों में इन सभी अनाथ को सहायत राशि दे दी जाएगी। ताकि आगे चलकर इनको किसी तरह से दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
150 से अधिक आवेदन
बाल सेवा योजना के तहत बच्चों के कई आवेदन आ रहे हैं। जिसके जांच के बाद इन बच्चों को इस योजना के तहत शामिल कर लिया जाएगा। संभावना है कि कानपुर जिले में कई बच्चे निकलेंगे, ये बच्चे अनाथ है या फिर उनके सहारा के लिए कोई इनकम का सोर्स नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि जिले में अभी भी सैकड़ों अनाथ बच्चे आ सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अबतक 150 से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
कोविड से प्रभावित बच्चों के बारे में जाने
1912 लोगों की कोरोना से हुई थी मौत
226 बच्चे ऐसे जिनके घर कमाने वाला कोई नहीं
4-4 हजार रुपए हर महीने मिलनी है सहायता धनराशि
4 महीने से नहीं मिली धनराशि, कर रहे हैं इंतजार
फैमिली में इनकम सोर्स खत्म होने वाले 75 बच्चों को तीन महीने की एकमुश्त राशि दे दी गई है। वहीं, बजट न आने के चलते कोरोना वायरस से अनाथ और फैमिली इनकम करने वालों की मौत से प्रभावित 226 बच्चों को सहायता अबतक नहीं दी गई है। बजट आते ही मुआवजे की राशि बांट दी जाएगी।
जयदीप सिंह, प्रोबेशन अधिकारी