कानपुर (ब्यूरो)। आज के समय में स्मार्टफोन और लैपटॉप का यूज बहुत बढ़ गया है। ऐसे में गैजेटे से सुविधा के साथ ही कई तरह की बीमारियां भी आ रही हैं। इसलिए अगर आप अपने बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं तो ये रिपोर्ट आपके लिए अलार्मिंग कॉल है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक व न्यूरो साइंस डिपार्टमेंट की ओपीडी में डेली छह से सात बच्चे सर्वाइकल पेन और आटिज्म से पीडि़त आ रहे हैं। यह समस्या मोबाइल के ज्यादा यूज करने की वजह से हो रही है। इसलिए अगर आपका बच्चा भी दिनभर मोबाइल में गेम खेलता है या कार्टून देखता है तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है।
50 से ज्यादा उम्र पर
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। मनीष सिंह ने बताया कि मोबाइल एडिक्शन से बच्चों को होने वाली बीमारियां महामारी का रूप लेती जा रही है। जिसमें एक सर्वाइकल पेन भी है। यह बीमारियां अभी तक 50 से अधिक उम्र वाले लोगों में देखने को मिलती थी। लाइफ स्टाइल में बदलाव होने के बाद यह यूथ में और अब मोबाइल एडिक्शन की वजह से बच्चों में देखने को मिल रही है।
पेरेंट्स को नहीं जानकारी
उन्होंने बताया कि ओपीडी में डेली 6 से 7 पेरेंट्स कंसलटेंट के आते है। जिनको ट्रीटमेंट के लिए पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि गंभीर बात यह है कि मोबाइल एडिक्शन से होने वाली बीमारियों की जानकारी सिर्फ 10 परसेंट पेरेंट्स को ही होती है। वहीं 90 परसेंट पेरेंट्स को अवेयरनेस न होने की की वजह से बच्चों में होने वाली इन बीमारियों का आभास भी नहीं होता है।
एक पोजीशन से रीढ़ की हड्डी में पे्रेशर
डॉ। मनीष सिंह बताते है कि बच्चे मोबाइल का अधिक यूज करने लगे है। जिसकी वजह से वह एक पोजीशन में कई घंटे बैठे रहते हैं। जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी जिसको स्पाइन भी बोलते है। उसमें प्रेशर पड़ता है। इससे लिगामेंट में स्पेन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे स्थिति में मसल्स हार्ड होने लगती है और डिस्क में परेशानी होने का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों से हो रहा वन-वे कम्युनिकेशन
माता-पिता बच्चे को व्यस्त रखने व परेशान न करने की वजह से दो से तीन साल में ही उसको स्मार्ट मोबाइल पकड़ाने लगते हैं। जिसका बच्चा धीरे-धीरे आदी हो जाता है। जिसकी वजह से वह बाहर दूसरों बच्चों के साथ आउटडोर गेम खेलने की बजाए मोबाइल को ही अपनी दुनिया समझ व्यस्त रहता है। क्योंकि मोबाइल से वन-वे कम्युनिकेशन होता है। जिससे उसको सही व गलत का पता नहीं होता है। यह बच्चे थोड़ा बढ़े होने के बाद अग्रेसिव व चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं।
बच्चों में यह सिमटम्स देखें तो हो जाएं अलर्ट
- बच्चा हमेशा थका हुआ महसूस करता हो
- सिर दर्द की शिकायत करता हो
- पीठ में हमेसा दर्द होने की शिकायत करता हो
- जरा सी बात में एग्रेसिव व चिडचिड़ा होना
- मोबाइल व टीवी को पास से देखने से मना करने के बावजूद पास से देखना
- किताब व कुछ पढऩे में हमेशा आनाकानी करना
मोबाइल एडिक्शन से हो रही यह बीमारियां
- आंखों की रोशनी कमजोर होना
- मायोपिया बीमारी
- ओवर वेट की समस्या
- आटिज्म, समझने व सोचने की क्षमता कम होना
- सर्वाइकल पेन
- जन्म के बाद नार्मल बच्चों की अपेक्षा देर से बोलना
- मोबाइल एडिक्शन से सर्वाइकल पेन के साथ बच्चों में कई गंभीर बीमारियां हो रही है। जोकि धीरे-धीरे महामारी का रूप लेता जा रहा है। बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए हमे अभी से अवेयर होना पड़ेगा।
प्रो। मनीष सिंह, एचओडी, न्यूरो डिपार्टमेंट
मोबाइल एडिक्शन से ओवर वेट, आंखों की समस्या, सर्वाइकल पेन समेत कई बीमारियां बच्चों में हो रही है। डेली ओपीडी में ट्रीटमेंट के लिए आधा दर्जन से अधिक बच्चे आते हैं। जोकि मोबाइल का अधिक यूज करते है। इस पर डिपार्टमेंट में कई रिसर्च चल रही हैं।
प्रो। यशवंत राव, पीडियाट्रिक एक्सपर्ट, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज