कानपुर (ब्यूरो)। नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए हर जतन कर रहा है तो वहीं टैक्स देने वाले उसके अरमानों पर पानी फेर रहेे हैं। टैक्स के लिए चेक देेने वालों ने निगम को 13 करोड़ का झटका दिया है। 13.84 करोड़ की चेक बाउंस हो गई हैं। चेक बाउंस होने से नगर निगम के होश उड़ गए। मार्च से पहले टारगेट वसूली में इतनी बड़ी रकम जुड़ी नहीं थी कि उससे बड़ी रकम खाते में ही नहीं पहुंची। अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है.
एक साल की रिपोर्ट तलब
चेक बाउंसिंग के एक साल के आंकड़े सामने आने के बाद नगर निगम अफसर भी हैरान-परेशान हैं। फाइनेंशियल ऑफिसर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए चीफ टैक्स ऑफिसर ने सभी जोनल अधिकारियों से चेक बाउंसिंग के बदले फॉलोअप रिपोर्ट मांगी है। हालांकि जिन लोगों की चेक बाउंस हुई है उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स के साथ-साथ पेनाल्टी भी भरनी होगी.
जोन 3 में सबसे ज्यादा
नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार, जोन 3 के टैक्स बकायेदारों में सबसे ज्यादा चेक बाउंस हुई है। इस जोन में 3,96,65,800 रुपए की चेक बाउंस हुई हैं। बाउंसिंग के आंकड़ों को लेकर चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर के पत्र का हवाला देते हुए चीफ टैक्स ऑफिसर ने सभी जोनल अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए इस बात की रिपोर्ट मांगी है कि पूर्व में जो चेक बाउंस हुई हैं उनके बदले अब तक कितनी रकम उन बकायेदारों से वसूली गई है या क्या कार्यवाही की गई है। बाउंसिंग की इतनी बड़ी रकम पर चीफ टैक्स ऑफिसर ने सभी जोनल अधिकारियों को पत्र के माध्यम से आपत्ति भी जताई है।
प्रेशर के चलते दे देते है चेक
डिपार्टमेंट के अफसरों ने चेक बाउंस के मामलों की पड़ताल शुरू की तो एक बात निकल कर सामने आई कि टैक्स वसूली का प्रेशर होने पर यह गड़बड़ी होती है। फैक्ट्री, मॉल, हॉस्पिटल, रेजिडेंशियल अपार्टमेंट जैसी बड़ी प्रॉपर्टीज के बकायेदारों को जब कुर्की या खाता सीजर की कार्रवाई का डर सताता है तो बचने के लिए चेक का यूज होता है। नगर निगम की टीम मौके पर प्रॉपर्टी सील करने के लिए मौजूद होती है। उस समय कार्रवाई से बचने के लिए अक्सर प्रॉपर्टी ओनर चेक देकर बचाव कर लेते हैं। इसके बाद जिस खाते से रकम ट्रांसफर होनी होती है, उसमें रकम कम कर देते हैं और चेक बाउंस हो जाती है। इसमें कहीं न कहीं आरआई भी अक्सर दोषी पाए जाते हैं, जो पार्टी की चेक बाउंस होने के बाद कड़ी पैरवी नहीं करते।
टारगेट तक पूरा नहीं
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नगर निगम का टैक्स वसूली का टारगेट 414 करोड़ रुपए है। अफसरों के मुताबिक, अब तक करीब 294 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं। सरकारी विभागों पर लंबी-चौड़ी बकायेदारी है। महज एक महीने में टारगेट कैसे पूरा होगा, इसको लेकर नगर निगम के अफसरों की परेशानी बढऩे लगी है.