42 वर्षीय चेन-वे पर राजकीय सत्ता के विध्वंस के लिए लोगों को उकसाने का आरोप है। मुक़दमा सुबह नौ बजकर 20 मिनट में शुरु हुआ और दो घंटे में ख़त्म हो गया। आधे घंटे का ब्रेक भी था जिसके बाद जज ने आकर सज़ा सुना दी। चेन-वे के वकील के मुताबिक उन्हें इसलिए दोषी पाया गया क्योंकि उन्होंने लोकतंत्र को बढ़ावा देने संबंधी ऑनलाइन लेख लिखे।
1989 में तियानामेन में छात्र नेता रह चुके और दो बार पहले भी जेल की सज़ा काट चुके चेन-वे का कहना है कि संविधान के अनुसार उन्हें अपनी बात रखने की पूरी आजा़दी है।
अरब क्रांति का असर
मिस्र और ट्यूनीशिया जैसे देशों में अरब क्रांति के बाद चीन में भी उथल-पुथल का माहौल है.चेन-वे उन लोगों में से एक हैं जिन्हें चीन सरकार ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है। अदालत में सज़ा सुनाए जाने के समय भी चेन-वे काफी निडर दिखे।
चेन-वे की पत्नी वैंग-ज़ियावॉन ने बीबीसी को बताया कि जिस तेज़ी से मुकदमे की सुनवाई हुई वो काफी असाधारण थी और वो अदालत के फैसले से काफी नाखुश हैं।
चेन की पत्नी से जब पूछा गया कि क्या वो अदालत के फै़सले के खिलाफ़ अपील करेंगी, तो उन्होंने कहा कि वे चेन-वे की इच्छाओं का सम्मान करेंगी।
चेन-वे के वकील ने पत्रकारों को बताया कि कोर्ट में उन्होंने अपने निर्दोष होने की बात कही थी और फ़ैसले के बाद कहा- “तानाशाही विफल होगी, लोकतंत्र कायम होगा.”
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