कानपुर (ब्यूरो) डीसीपी वेस्ट बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि आरोपियों ने बंगलुरु में एम्बिडेन्ट मार्केङ्क्षटग प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक फर्जी कंपनी खोल रखी थी। यह लोग खुद को शेयर कारोबारी बता कर चार महीने में रकम को दो गुना करने का दावा करते थे। इस झांसे में देश भर के सैकड़ों लोग आए भी और उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई उन्हें सौंप दी। कानपुर में बजरिया में रहने वाले जूता कारोबारी लकी सिंह भी इस झांसे में आ गए और तीन करोड़ रुपए की रकम लगा दी। बाद में उन्हें ठगी का पता चला कि बजरिया थाने में इसकी एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और बंगलुरू तक पहुंच गई। जहां चार आरोपियों को अरेस्ट किया। इनके खिलाफ बंगलुरु में भी अलग-अलग थानों में 6 एफआईआर दर्ज हैं।
एक जगह नहीं रुकते थे
इस कंपनी के फर्जीवाड़े का पता केंद्र सरकार को भी चला। जिसके बाद इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट सक्रिय हुआ। ईडी ने इस कंपनी की 70 करोड़ के करीब की संपत्तियां सीज की हैं। बंगलुरू के डीजे हल्ली थाने में दर्ज एक एफआईआर को दर्ज कराने में 3 हजार लोगों का प्रार्थना पत्र स्वीकार किया गया। पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने ठगी के नेटवर्क के जरिए 2 हजार करोड़ की रकम का गोलमाल किया। बंगलुरु में मुकदमा दर्ज होने के बाद वह एक जगह नहीं रुक रहे थे। लगातार फरार चल रहे थे।