2008-09 की सीडीआर के लिए पुलिस सीबीआई और ईडी से करेगी संपर्क
kanpur : करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार और गबन में गिरफ्तार किए गए यूपीसीडा के सीजीएम (प्रधान महाप्रबंधक )अरुण मिश्रा का विवादों से पुराना नाता है। वो पहले भी जेल जा चुके हैं। 2011 में सीबीआई ने उसे गलत नामों से खाता संचालन करने में देहरादून से गिरफ्तार किया था। सीबीआई के साथ ही उसे ईडी के सवालों का सामना भी करना पड़ा था। ईडी ने उसकी कई संपत्तियां जब्त की थीं लेकिन कोर्ट के आदेश पर सभी संपत्तियां रिलीज कर दी गईं थीं।
एसपी सिटी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि अरुण मिश्रा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने का आदेश शासन से मिल चुका है। पुलिस उसके नकली सिग्नेचर का मिलान भी करा चुकी है। पुलिस अरुण के खातों की जांच भी करेगी। उस पर सड़क घोटाले के मामले में सवा दो करोड़ रुपये के घपले का आरोप है।
सीबीआई ने अरुण के ठिकानों पर की थी छापेमारी
24 फरवरी 2011 को जब सीबीआई ने अरुण मिश्रा के ठिकाने पर छापेमारी की तो वह फरार हो गया। कई दिनों तक ऑफिस नहीं गया था। उसके बाद सीबीआई ने सर्विलांस से लोकेशन ट्रेस कर उसे गिरफ्तार किया था। गाजियाबाद में भी ट्रोनिका सिटी के मामले में दो मामलों में वह दोषी पाया गया था।