-सूखे नशे के मामले में शहर में हर साल होती है करोड़ों के गांजे, चरस और स्मैक की खपत
-सिटी के रईसों में तेजी से जगह बना रही 'पुडि़या', 5 से 6 हजार रुपए तक पुडि़या के दाम
KANPUR: शहर में सूखे नशे का काला कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। सूखे नशे के बाजार में भी जिसकी सबसे ज्यादा डिमांड है वो है गांजा, चरस और स्मैक। कानपुर में सबसे ज्यादा नशाखोरी इन्हीं तीनों की ही है। भारी मात्रा में सप्लाई के बाद ही गांजे और चरस की डिमांड कम नहीं होती है। माल आते ही हाथों हाथ बिक जाता है। अनवरगंज से लेकर शहर के हर क्षेत्र में यह नशाखोरों को आसानी से मिल भी जाती है। सिटी में हर साल सिर्फ चरस और गांजे की ही करोड़ों की खपत है।
हर तबके के लोग
दिन पर दिन पुलिस की बरामदगी से भी शहर में गांजे और चरस की की खपत का पता चलता है। बीते साल ही पुलिस ने 158 क्विंटल के करीब गांजा बरामद किया था। इसके खरीददार हर तबके के लोग है। रईसजादों से लेकर गलियों और नुक्कड़ में भी यह आसानी से मिल जाती है। किसी दूसरे सूखे नशे की तुलना में गांजा सबसे सस्ता होता है। कानपुर में निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग ज्यादा हैं, इसलिए गांजे की डिमांड ज्यादा होती है।
कई नाम हैं गांजे के
गांजे को आम तौर पर कई नामों से जाना जाता है। जैसे वीड, मैरुआना, स्टफ, पॉट और कैनेविस। गांजा हर शख्स पर अलग अलग तरह से असर डालता है। गांजा फूंकने वालों के ब्रेन पर बुरा असर पड़ता है.फोरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ.पुनीत वर्मा बताते हैं कि कई स्टडीज में पाया गया है कि टीन एज में इसके यूज से दिमाग की कॉग्निटिव एबिलिटी पर बुरा असर पड़ने का खतरा रहता है। इसके ज्यादा यूज से सांस से रिलेटेड प्रॉब्लम भी हो सकती है। इसके यूज से ब्रेन के फंक्शंस प्रभावित होते हैं। लोगों को प्लेजर का अनुभव होता है। हांलाकि उनका टाइम परसेप्शन हिल जाता है।
हाई सोसाइटीज में कोकीन, एमडीएमए
सिटी के पाश इलाकों में रहने वाले रईस तबके के यंगस्टर्स के बीच सिटी में एक नए तरह के नशे का चलन भी तेजी से बढ़ा है। कोकीन और एमडीएमए ड्रग्स हाई सोसाइटी के यंगस्टर्स में काफी लोकप्रिय है। इसकी एक ग्राम की पुडि़या की कीमत भी 5 से 6 हजार रुपए के बीच पड़ती है। मौजूदा दौर में जब हाई सोसाइटीज में पार्टियों का दौर थमा हुआ है। ऐसे में यह नशा फार्म हाउस और कार के भीतर बैठकर की पूरा किया जा रहा है। मालूम हो कि बीते 5 सालों में सिटी में रेव पार्टियों के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें इस तरह के नशे की खपत होती है।
अपराध का ग्राफ भी बढ़ा रहा नशा
बीते सालों में इस महंगे नशे की खतरनाक लत के चलते हत्या तक की गई है। तिलक नगर में निशा केजरीवाल केस इसका पुख्ता प्रमाण है। जिसमें बड़े सिनेमाघर कारोबारी के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस की पूछताछ में पता चला था कि उसने नशे के लिए पैसे खत्म होने के चलते पड़ोस में रहने वाली निशा केजरीवाल की हत्या कर रुपए लूटे थे। नशे की लत पूरी करने के लिए भी शहर में अपराध बढ़ रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
-------------
गांजा-15 से 25 हजार रुपए किलो
कोकीन- 4 से 6 हजार रुपए ग्राम