- रूट क्लियर, टेंडर की तैयारी

--11076 करोड़ के कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट में सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट की होगी 20-20 फीसदी की साझेदारी

-लागत का कुछ परसेंट लोक बॉडीज का, बाकी बची धनराशि में ज्यादातर सॉफ्ट लोन से जुटाई जाएगी

KANPUR: लंबे समय से सेंट्रल गवर्नमेंट की एनओसी में फंसी कानपुर मेट्रो का रूट अब क्लियर हो चुका है। कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट में सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट लगभग 2200-2200 करोड़ रुपए लगाएगी। बाकी बची धनराशि में ज्यादातर सॉफ्ट लोन के जरिए जुटाई जाएगी। सॉफ्ट लोन को लेकर पहले जिका और ईआईबी सरीखी विदेशी बैंक कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को अपनी कसौटी पर परख चुकी है। पर सेंट्रल गवर्नमेंट से प्रोजेक्ट पास न होने के कारण मामला अटक गया था।

तीन साल से कागजों में फंसी

कानपुर में मेट्रो दो रूट पर दौड़नी है। आईआईटी से नौबस्ता और सीएसए से बर्रा-8 तक टोटल मेट्रो रूट की लंबाई लगभग 32 किलोमीटर है। 11 हजार करोड़ से अधिक के इस प्रोजेक्ट को पीआईबी के बाद अब सेंट्रल कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है। हालांकि सेंट्रल गवर्नमेंट की एनओसी पाने में कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट तीन साल लेट हो चुका है। वर्ष 2015 में स्टेट गवर्नमेंट से पास की गई कानपुर मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2016 में कानपुर मेट्रो का काम शुरू होना था। पहले चरण में आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो दौड़ाई जानी थी। इसके लिए टाइम लाइन सितंबर 2019 रखी है।

सॉफ्ट लोन जुटाने में आसानी

रिवाइज डीपीआर के मुताबिक दोनों रूटों पर मेट्रो दौड़ाने पर करीब 11076 करोड़ रुपए खर्च होगा। इसमें से 20-20 फीसदी साझेदारी सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट की होगी। बाकी बची कुछ हिस्सा लोकल बॉडीज नगर निगम, केडीए, यूपीएसआईडीसी का होगा। शेष धनराशि सॉफ्ट लोन के जरिए जुटाई जाएगी। ये धनराशि 6 हजार करोड़ से भी अधिक की होगी। हालांकि कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को सॉफ्टलोन को लेकर पहले जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी और यूरोपियन इनवेस्ट बैंक आ चुकी हैं।

इन बैंकों की टीमें कानपुर मेट्रो के दोनों रूट का निरीक्षण करने के साथ तत्कालीन कमिश्नर, केडीए वीसी, लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन व केडीए ऑफिसर्स संग मीटिंग भी कर चुकी हैं। पर सेंट्रल गवर्नमेंट से कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट पास न होने का कारण सॉफ्टलोन का मामला अटक गया था। अब फाइनेंस मिनिस्ट्री के पब्लिक इवेस्टमेंट बोर्ड और सेंट्रल कैबिनेट से भी कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट पास हो चुका है। इससे सॉफ्टलोन के रास्ते की भी रुकावट दूर हो चुकी है।

टेंडर की तैयारी शुरू

पहले चरण में आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो दौड़नी है। इसके लिए टेंडर की तैयारी लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने शुरू कर दी है। पिछले वर्ष फरवरी में 734 करोड़ से आईआईटी से मोतीझील तक 9 किलोमीटर लंबा एलीवेटेड वायाडक्ट और 9 मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए टेंडर किए गए थे। पर मेट्रो प्रोजेक्ट रिवाइज किए जाने की वजह से ये टेंडर कैंसल कर दिए गए थे। रिवाइज डीपीआर में प्रोजेक्ट कास्ट लगभग 7 हजार करोड़ कम हो जाने से आईआईटी से मोतीझील के बीच खर्च घटने के आसार हैं।

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अभी तक शिफ्टिंग नहीं

पॉलीटेक्निक में 36 करोड़ से कानपुर मेट्रो का यार्ड बनाने का काम चल रहा है। पर अभी पॉलीटेक्निक को सर्वोदय नगर आईटीआई में शिफ्ट नहीं किया जा सका है। हालांकि आईटीआई में पॉलीटेक्निक बिल्डिंग के लिए 75 करोड़ का बजट रखा गया है।

कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट कास्ट- 11076 करोड़

पहला रूट-- आईआईटी से नौबस्ता

दूसरा रूट-- सीएसए से बर्रा-8

टोटल लंबाई-- 32.0 किलोमीटर

मेट्रो स्टेशन-- 30