- पुलिस ने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएननएस) पोर्टल की मदद ली

- मिसिंग बच्चे की कंप्लेन की जा सकती है ऑनलाइन पोर्टल पर, मिसिंग बच्चों की रिकवरी भी मिलेगी पोर्टल पर

KANPUR : बीते सालों में शहर से सैकड़ों मासूम लापता हो चुके हैं। अपने कलेजे के टुकड़ों को तलाश करने के लिए पेरेंट्स दर-दर भटक रहे हैं। हर आहट पर उन्हें यही लगता कि उनका बेटा आ गया। पुलिस भी अपनी तरफ से कोशिश करने के बजाए कहीं से सूचना मिलने के इंतजार में बैठी रहती है। लेकिन लापता बच्चों को खोजन में सोशल मीडिया इम्पॉर्टेट रोल प्ले कर रहा है। एक जिम्मेदार नागरिक की छोटी सी कोशिश मिसिंग बच्चे को उसके पेरेंट्स से वापस मिला देती है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने मिसिंग बच्चों को खोजने के लिए सीसीटीएनएस पोर्टल की मदद लेने का फैसला लिया। अब पुलिस हाईटेक तरीके से मिसिंग बच्चों को खोजेगी।

दर्जनों बच्चों को पहुंचाया घर

पुलिस डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के मुताबिक इस पोर्टल की हेल्प से अब तक दर्जनों बच्चों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है। हालांकि इसके यूज के लिए पेरेंट्स से लेकर आम नागरिकों को भी थोड़ा जागरुक होने की जरूरत बताई। पोर्टल पर मिसिंग बच्चों से लेकर पुलिस को लावारिस मिले बच्चों की भी पिक्स अपलोड की गई हैं। पब्लिक और पुलिस दोनों ही इस पोर्टल की मदद से मिसिंग बच्चों को वापस उनके घर पहुंचा सकते हैं।

ऐसे करें कंप्लेन

बच्चों की मिसिंग के मामले में पुलिस अक्सर पेरेंट्स को रिपोर्ट दर्ज करने से पहले 24 घंटे तक वेट करने को बोलती है। इसके बाद फिर से पेरेंट्स को थाने में बच्चे की फोटो के साथ एप्लीकेशन देकर मिसिंग दर्ज करानी होती है। वहीं, अब पेरेंट्स को बच्चा मिसिंग होने पर पुलिस के पोर्टल trackthemissingchild.gov.in पर लॉगइन करना होगा। लॉगइन करते ही पोर्टल पर मिसिंग और रिकवर बच्चों की फोटो डिस्प्ले होती नजर आएंगी। वहीं, अगर आपको मिसिंग की कंप्लेन करानी है तो दिए हुए ऑप्शन पर जाकर कंप्लेन कर सकते हैं। यहां आपको बच्चे से रिलेटेड जैसे उसकी ऐज, कलर, निशानी, कपड़े आदि जानकारियां देनी होगी। इसके अलावा पेरेंट्स को भी अपनी सभी डिटेल्स देने के साथ ही कॉन्टेक्ट नंबर भी देना होगा।

इस तरह मिल सकता है बच्चा

पोर्टल पर दर्ज कम्प्लेन से मिलती जुलती पहचान का बच्चा पुलिस को कहीं भी मिलता है, तो उसकी डिटेल पोर्टल पर मैच करा सकता है। डिटेल मैच करने पर पुलिस उसके गार्जियन से कॉन्टेक्ट कर उसे सौंप देती है। वहीं, पेरेंट्स भी पुलिस की ओर से रिकवर किए गए बच्चों की फोटो देखकर अपने बच्चे की पहचान कर सकते हैं।

वर्जन-

पोर्टल की हेल्प से मिसिंग बच्चों को रिकवर करने में बहुत हेल्प मिल रही है। मिसिंग बच्चों की सारी डिटेल पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है। कहीं से कोई भी लापता बच्चा मिलता है तो उसके घर तक पहुंचाया जा सकता है। इसके लिए एक जागरुक नागरिक बनने की जरुरत है।

- राजेश यादव, एसपी क्राइ

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प्रदेश का डाटा

- 10 बच्चे औसत प्रदेश में हर 24 घंटे में लापता हो जाते हैं।

- 2000 औसत बच्चे प्रदेश में करीब एक साल में लापता होते हैं।

- 900 औसत बच्चे पुलिस कर पाती है रिकवर

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सिटी का डाटा

02 बच्चे औसतन शहर में हर 24 घंटे में लापता हो जाते हैं

500 बच्चे शहर में एक साल में लापता हो जाते हैं

280 बच्चे एक साल में पुलिस रिकवर कर लेती है