(कानपुर ब्यूरो) सीबीआई ने 22 अक्टूबर 2021 को मामले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान जानकारी हुई थी कि संजीत नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से पहले स्वरूप नगर के एक पैथोलॉजी में भी कुछ दिन काम कर चुका है। इससे वहां का स्टाफ अनुमान लगा रहा है कि सीबीआई उनके यहां भी आ सकती है। हॉस्पिटल के एक कर्मचारी ने बताया कि सीबीआई ने पुलिस की जांच के बारे में जब पूछा तो उसने बताया कि संजीत के अपहरण के दौरान पुलिस ने जांच के नाम पर हॉस्पिटल के कर्मचारियों को काफी परेशान किया था।
जगी न्याय की उम्मीद
संजीत की बहन रुचि ने बताया कि अक्टूबर में सीबीआई परिजनों के बयान दर्ज करके लौटी थी। उसके बाद सिर्फ एक बार फिरौती की रकम मांगने वाले मोबाइल की जानकारी के लिए फोन आया था। मंगलवार को सीबीआई की टीम फिर से शहर पहुंची तो न्याय मिलने की उम्मीद जागी है।
एसपी से सीओ तक
लैब टेक्नीशियन संजीत को बर्थ डे पार्टी के बहाने दोस्तों ने 22 जून 2020 को अगवा किया था। रतनलाल नगर के मकान में बंधक बनाकर रखा और 26-27 जून को उसके साथियों ने हत्या करने के बाद शव को बोरी में भरकर बर्रा के फत्तेपुर स्थित लोहे वाले पुल से पांडु नदी में फेंका था। पूरे मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन एसपी साउथ रहीं अपर्णा गुप्ता, सीओ गोङ्क्षवद नगर मनोज कुमार गुप्ता, थाना प्रभारी रणजीत राय, समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।