- एमआईएस- सी के बच्चों में प्रभाव को देखते हुए डॉक्टर्स की पहली सलाह
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KANPUR: कानपुर में कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके बच्चों में अब मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम का असर दिखने लगा है। ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा बच्चों का मेडिकल कॉलेज के बालरोग अस्पताल में ही इलाज चल रहा है और उनकी हालत में सुधार है। वहीं एमआईएस-सी को लेकर डॉक्टर्स का साफ तौर पर कहना है कि अगर बच्चे को कोरोना कभी हुआ है तो उसके ठीक होने के डेढ़ महीने तक सावधानी बेहद जरूरी है। दो से तीन दिन तक उसे बुखार आए तो तत्काल उसे नजदीकी बालरोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। चेहरे या होंठ में नीलापन आने, बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे तुरंत इमरजेंसी में दिखाना चाहिए।
एक फीसदी से कम मेंं संभावना
बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम को लेकर संभावना जताई जा रही कि वह कोरोना संक्रमण की वजह से हो रहा है। हालांकि कोरोना संक्रमण की वजह से यह प्रॉब्लम होने के अभी सबूत नहीं हैं। उर्सला अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ। जीएन द्विवेदी के मुताबिक यह बीमारी बच्चों में पहले भी होती थी। सही समय पर इलाज से यह पूरी तरह ठीक भी हो जाती है। कोरोना की वजह से इसके होने की संभावना एक फीसदी से भ्ाी कम है।
पहली लहर में भी आइर् थी दिक्कत
डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोना वायरस की पहली लहर में भी काफी बच्चे संक्रमित हुए थे। इनमें से भी कुछ बच्चों में तब एमआईएस- सी के लक्षण मिले थे। हालांकि इलाज के बाद वह पूरी तरह से ठीक भी हेा गए थे। इसी तरह कोरोना की दूसरी वेव के बाद अब बच्चों में एमआईएस-सी का असर दिख रहा है। सरकारी के साथ ही कुछ प्राइवेट अस्पतालों में भी इस सिंड्रोम से ग्रसित होने वाले बच्चों के भर्ती होने की जानकारी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बच्चों में पोस्ट कोविड एमआईएस-सी की प्रॉब्लम होने और उनके भर्ती होने को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है।
बच्चों की कोरोना की जांच जरूरी
आईएपी,कानपुर चैप्टर के प्रेसीडेंट डॉ.अंबरीश गुप्ता जानकारी देते हैं कि बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण काफी कम आते हैं। बच्चों की कोरोना की जांच भी लोग कम कराते हैं, लेकिन ऐसा न करें। बच्चे में कोरोना के हल्के भी लक्षण हो तो उसकी जांच जरूर कराएं। क्योंकि ऐसा करके आप सिर्फ कोरोना से ही नहीं बल्कि कोरोना के बाद एमआईएस-सी के खतरे को लेकर भी अलर्ट रहेंगे। कोरोना से ठीक होने के बाद डेढ़ महीने तक जरूर बच्चे की सेहत का खास ध्यान दें।
यह हैं लक्षण-
तेज बुखार आना(101 डिग्री से भी ज्यादा),आंखे लाल हो जाना, शरीर पर लाल दाने पड़ जाना, पेट में दर्द, उल्टी, हाथ पैर में सूजन, डायरिया।