- सोशल मीडिया पर विदेशी महिला की फोटो लगाकर ठगों ने दो कारोबारियों को बनाया निशाना

- बातों में फंसाकर कई बार में अलग-अलग खातों में डलवाई रकम, फोन हुआ बंद तो ठगी का पता चला

KANPUR : लोगों को आपस में जोड़ने वाला सोशल मीडिया अब ठगी का सबसे बड़ा हथियार बन गया है। कभी फेक आईडी बनाकर, कभी दोस्ती का ऑफर भेजकर तो कभी मैसेंजर के जरिए मदद मांगकर लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। ठगों ने झांसे में लेने के लिए महिलाओं को मोहरा बनाया है जो अपनी हसीन बातों में लोगों को फंसाकर जानकारी हासिल करती हैं और फिर एकाउंट से रकम उड़ा देती हैं। दो ऐसे मामले क्राइम ब्रांच के पास आए हैं। जांच में पता चला कि एक मामले में ठगी मुंबई से तो दूसरे में बंगुलुरू से अंजाम दिया गया है। क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है।

केस वन :

मैं जल्द इंडिया आने वाली हूं

पहले मामले में ठगी का शिकार हुए जनरलगंज निवासी साड़ी कारोबारी के बेटे। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि सितंबर 2020 में उनके पास फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी। कई बार रिक्वेस्ट आने उन्होंने एक्सेप्ट कर लीं। इसके बाद उससे चैटिंग होने लगी। युवती ने खुद को विदेशी बताया और जल्दी ही भारत आने पर मिलने का वादा भी किया। इसी दौरान युवती ने मां की तबियत खराब होने का हवाला देकर मदद मांगी। युवती उसे अलग अलग बैंकों का अकाउंट नंबर भेजती रही। जिसमें उन्होंने धीरे धीरे कर 9 लाख रुपये डाल दिए। जब युवती ने फोन उठाना बंद कर दिया तो ठगी का अहसास हुआ।

केस टू :

फोटो देखकर हो गए हनी ट्रैप

ठगी की दूसरी वारदात कोतवाली इलाके में हुई। जिसमें मंडी चौक में रहने वाले सर्राफ को फेसबुक पर फेक फोटो लगाकर आईडी बनाई गई और उसे फंसाया गया। दोस्ती के जाल में फंसे सर्राफ ने कई बार में 10 लाख रुपये बताए गए खाते में डाल दिए। ठगी की जानकारी होने पर उन्होंने कोतवाली पुलिस को जानकारी दी। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी है।

ठगी के मामलों में जांच की जा रही है। जल्द ही दोनों मामलों का निस्तारण किया जाएगा।

सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम