- यूपी बोर्ड के रिजल्ट के बाद छात्र-छात्राओं के सुसाइड की घटनाएं बढ़ रहीं, उम्मीद के मुताबिक मार्क्स न आने से बढ़ा तनाव
-पेरेंट्स के मुताबिक करियर बनाने का दबाव भी बच्चों की सेहत पर पड़ रहा भारी, सुसाइड रेट में कानपुर यूपी में सबसे आगे
KANPUR: यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट और हाईस्कूल के रिजल्ट्स आने के बाद एक के बाद एक कई स्टूडेंट्स के सुसाइड की घटनाएं सामने आई। वेडनसडे देर रात भी 12वीं में कम नंबर आने से तनाव में आए छात्र ने महाराजपुर में जान दे दी। वहीं बीते 16 दिनों में सुसाइड की यह 53वीं घटना है। इस दौरान कई यंगस्टर्स ने रिजल्ट्स के स्ट्रेस के साथ दूसरी वजहों से भी जान दी। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि यह किस तरह की स्ट्रेस है जो जान देने पर मजबूर कर रही है। जबकि एग्जाम्स और रिजल्ट्स को लेकर तनाव न रहे, इसके लिए लगातार पैरेंट्स और स्कूल्स भी स्टूडेंट्स का साथ देते हैं। उन्हें समझाने के साथ ही उनकी काउंसिलिंग तक के इंतजाम किए जाते हैं।
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बच्चों के बिहेवियर पर रखें नजर-
-सुसाइडल टेंडेंसी को चेक करने के लिए उसके व्यवहार में आने वाले बदलावों पर नजर रखें
- अगर वह अकेला और गुमसुम रहे, कम बात करे या ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाए
- स्कूल के दोस्तों से उसके बारे में बातचीत करें और फीडबैक लेते रहें
- उन्हें अकेला न छोड़ें, दोस्ताना व्यवहार रखें, वह बेचैन या उलझन में हो तो उनसे बात करें
- उसके दिल की बात जानने की कोशिश करें, वो क्या करना चाहता है इसे भी समझें
- बच्चों पर अपनी पसंद के मुताबिक फील्ड में करियर बनाने का दबाव न दें
-अपने बच्चे की तुलना किसी पड़ोसी या रिश्तेदार के बच्चे के साथ न करें
स्ट्रेस, एंजाइटी को पहचानें
- पसीना आना, कमजोरी और सुस्ती महसूस होना
- नींद न आना, सिरदर्द
- दिल की धड़कनें तेज होना, घबराहट
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दिन और मौतें -
16 जून-7
17 जून-4
18 जून-4
19 जून-0
20 जून-5
21 जून-3
22 जून-9
23 जून-3
24 जून-0
25 जून-3
26 जून-1
27 जून-3
28 जून-4
29 जून-2
30 जून-3
1 जुलाई-2
कुल मौतें-53
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एग्जाम्स और रिजल्ट्स की वजह से सुसाइड करने वाले कौन
23.6 परसेंट- सेकेंड्री लेवल की पढ़ाई करने वाले
16.4 परसेंट- हायर सेकेंड्री लेवल की पढ़ाई करने वाले
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वर्जन-
स्टडी और करियर में कॉम्पटेटिवनेस काफी बढ़ गई है इसका असर स्टूडेंट्स पर भी पड़ रहा है। उनके स्ट्रेस बढ़ा है। कई बार मेहनत और उम्मीद के मुताबिक रिजल्ट न आने पर या पेपर खराब होने पर कुछ स्टूडेंट्स में सुसाइडल टेंडेंसी डेवलप हो जाती है।
- डॉ.गणेश शंकर, असिस्टेंट प्रोफेसर, मनोरोग विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज
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एग्जाम्स और रिजल्ट्स को लेकर कई बार स्टूडेंट्स में स्ट्रेस काफी बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चे के बिहेवियर पर लगातार नजर रखें, उसे मोटीवेट करें। जरूरत पड़े तो उसकी काउंसिलिंग भी कराएं।
- डॉ.चिरंजीव, प्रभारी मानसिक रोग कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग
नंबर कम आए तो दे दी जान
महाराजपुर में बुधवार देर रात इंटर के छात्र का शव उसके घर पर फांसी के फंदे से लटकता मिला। खोजऊपुर निवासी राममोहन का बेटा इंद्रजीतत(17) इंटर का छात्र था। बीते हफ्ते की उसका रिजल्ट आया था। जिसमें उसे 52 परसेंट नंबर मिले थे। परिजनों के मुताबिक तभी से वह काफी उदास था। वेडनसडे सुबह भी भाई ने उसे काफी समझाया था। शाम को परिजन एक रिश्तेदार के घर चले गए। इंद्रजीत घर पर अकेला था। इसी दौरान उसने खुद को कमरे में बंद करके फांसी लगा ली। महाराजपुर एसओ राघवेंद्र सिंह के मुताबिक शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।