कानपुर (ब्यूरो) सुसाइड नोट में लिखा था कि एसडीएम महोदय मैं अपनी जमीन पर कब्जे से दुखी होकर मैं यह कदम उठा रहा हूं। हमारे परिवार को परेशान न किया जाए आपका इंद्रपाल ङ्क्षसह भदौरिया। बेटे अंकुर ने बताया कि मंदिर के पीछे हमारी बाग की जमीन थी। इसे नगर पंचायत ने डेढ़ महीने पहले कब्जा कर लिया और वहां पर तालाब खोदवा दिया। हमारे बुजुर्गों के पास इसका हरियाली पट्टा था और यह साजिशन गलत किया गया है।
झींझक रोड पर दोबारा जाम
दोपहर बाद तीन बजे करीब झींझक रोड पर शव रखकर परिजनों ने जाम लगा दिया। इससे यातायात बाधित हो गया। यहां करीब दो घंटे जाम लगाए जाने के बाद महिलाएं व पुरुष शव लेकर रसूलाबाद चौराहे पर पहुंच गए। यहां पर भी जमकर नारेबाजी की। आरोप था कि चेयरमैन राजरानी दिवाकर, उनके प्रतिनिधि मोइन खान, प्रतिनिधि के पिता अकील अहमद पट्टा, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत दिनेश शुक्ला, वरिष्ठ लिपिक अमित बाबू, कर्मचारी आनंद खरे प्रताडि़त कर रहे थे। इनसे परेशान होकर ही जान दी है।