कानपुर (ब्यूरो) शुक्रवार सुबह दिल्ली के आनंद विहार से 108 श्रमिकों को लेकर प्राइवेट डबल डेकर बस बिहार के लिए रवाना हुई थी। पहली सीट पर बैठे 70 साल के शिवमंगल ने बताया कि आगरा से निकलते समय ही कई बार बस डगमगा गई थी। दो बार बस रोककर चाय भी पी गई। इसके बाद भी ड्राइवर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। चाय पीने के बाद जब बस हाईवे के किनारे टकराई, कई लोगों ने ड्राइवर से शिकायत भी की लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ। इसी बच बस बेकाबू होकर पलट गई। एक के ऊपर एक यात्री गिरे और कोहराम मच गया।
मच गई अफरातफरी
सीएचसी में एक साथ कई घायल पहुंचने से अफरा-तफरी मच गई। अधीक्षक डॉ दिलीप सिंह ने अस्पताल के डॉक्टर, वार्ड ब्वाय के साथ तत्काल घायलों का उपचार शुरू कराया। एसडीएम आकांक्षा गौतम व प्रभारी सीओ रंजीत कुमार भी सीएचसी पहुंचे। सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने सभी घायलों को कानपुर रेफर कर दिया। इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया चालक को नींद की झपकी आने की वजह से हादसा हुआ है। मामूली घायल लोगों का मौके पर उपचार कराकर दूसरे वाहन से गंतव्य के लिए भेजने की व्यवस्था की गई है।
ये हुए घायल
हादसे में झारखंड के खोरा जिला के पतराटोली गांव निवासी 12 साल की विनीता, उसकी मां 30 साल की मीना देवी, भाई 4 साल का सुनील कुमार व बहन 8 साल की सुनीता कुमारी, मैनपुरी के किशनी क्षेत्र के कटरा गांव निवासी 70 साल के शिवमंगल सिंह, बिहार सीवान निवासी 22 साल की गोलू, चंपारण विशंभरपुर निवासी 25 साल के प्रमोद कुमार, छपरा के चिंतामनगंज निवासी 35 साल के राजन, 25 साल के सुल्तान अली, चंपारण निवासी ओसिहर चौधरी, 22 साल के सुनील, हाथरस शाहपुर निवासी 29 साल के शिव शंकर और 65 साल के चंद्रशेखर घायल हुए हैं।
नियमों की धज्जियां उड़ा रहे
जिस बस का हादसा हुआ, उसमें 108 सवारियां थी। जबकि बस में 36 स्लीपर और 40 सीट बैठने की थीं। इसके पहले भी कानपुर आउटर के सचेंडी में बस खड़े डीसीएम से टकरा गई थी। ये बस कानपुर से दिल्ली जा रही थी। इस हादसे में 40 से ज्यादा बस सवार घायल हो गए थे जबकि 13 लोगों की मौत हो गई थी। लगातार हादसे होने के बाद भी न तो परिवहन विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैैं और न ही जिला प्रशासन।
कानपुर से भी ओवर लोड बसें
कानपुर के फजलगंज चौराहे से भी निजी बसें रोजाना ओवरलोड होकर दिल्ली, गुजरात और राजस्थान के लिए रवाना होती हैैं। इन बसों को देखने के लिए किसी के पास भी समय नहीं है। हादसे वाली बस में सवार यात्रियों ने बताया कि आम तौर लंबी दूरी की बसों में दो ड्राइवर होते हैैं, लेकिन दिल्ली से चलते समय ही ड्राइवर लापरवाही से गाड़ी चला रहा था। कई बार रास्ते में उसे टोका गया, लेकिन ड्राइवर किसी हालत में नहीं माना।