- दीपू दुबे की सेमी ऑटोमेटिक रायफल तलाश रही एसटीएफ
- बरामद स्प्रिंगफील्ड बसेन गांव के निवासी शिव तिवारी की
kanpur :: एसटीएफ ने जो सेमीऑटोमेटिक राइफल बरामद की है वह बिकरू कांड में जेल गए आरोपी शिव तिवारी निवासी बसेन गांव चौबेपुर के नाम लाइसेंस पर दर्ज है। इसके अलावा विकास दुबे के भाई दीपू दुबे के नाम पर एक और सेमीऑटोमेटिक राइफल थी जिसकी अभी तलाश की जा रही है। शिव तिवारी के नाम पर जो लाइसेंस है वह पुलिस के अनुसार राइफल पर जारी हुआ था। इसमें सेमीऑटोमेटिक राइफल कैसे चढ़ गई। इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं है।
दो हाईटेक असलहों से फायरिंग
एक और तथ्य का खुलासा हुआ है कि बिकरू कांड में दो सेमीऑटोमेटिक राइफल को प्रयोग हुआ था। जिसमें एक राइफल विकास दुबे ने भी पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए चलाई थी। एसटीएफ ऑफिसर्स के मुताबिक बरामद हुई यह राइफल वहीं है इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। हालांकि विकास के भाई दीपू के सरेंडर के बाद उसने पूछताछ में यह तथ्य कबूला था कि एक सेमीऑटोमेटिक राइफल उसकी है। जो विकास दुबे ने अपने पास रख ली थी।
इतने कारतूस थे कि
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि 42 कारतूस बरामद हुए हैं और लगभग 316 कारतूसों के बारे में और जानकारी मिली है। जिन्हें तलाशने के लिए टीमें काम कर रही है। बिकरू में घटना वाली रात अकेले सेमीऑटोमेटिक राइफल के एक हजार से ज्यादा कारतूस विकास दुबे के पास मौजूद थे। जिससे वह एक प्लाटून पीएसी से भी मोर्चा ले सकता था। एसटीएफ ने जो सेमीऑटोमेटिक राइफल बरामद की है। उसकी बट आधी कटवाकर उसे मॉडिफाई कराया गया था। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक कार में आसानी से राइफल आ जाए इसके लिए इसकी बट को कटवाकर छोटा कराया गया था।