- मिशन शक्ति के तहत इंटरनेशनल वीमेन डे पर मिलीं महिला रिपोर्टिंग चौकियों की सौगात धरातल पर नहीं उतरी

-किसी भी चौकी के लिए न स्टाफ मिला न संसाधन, 11 दिनों में एक भी शिकायत न आने से पूरी योजना सवालों में

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KANPUR : महिलाओं की सुरक्षा और उनकी लाइफ ईजी बनाने के लिए कानपुर प्रशासन से लेकर शासन तक कई योजनाएं शुरू की गई हैं। लेकिन, इनमें से ज्यादातर सिर्फ कागजी ही साबित होती हैं। जिससे महिलाओं को उनका फायदा नहीं मिल नहीं पाता। और हालात जस के तस रह जाते हैं। मिशन शक्ति के तहत इंटरनेशनल वीमेन डे पर मिलीं महिला रिपोर्टिंग चौकी का भी ऐसा ही हाल हुआ है। 11 दिन गुजर जाने के बाद भी मॉडल चौकी के रूप में विकसित की गई सजेती पिंक चौकी के अलावा इस योजना में शामिल दूसरी चौकियों में कोई सुविधाएं नहीं हैं। 11 दिनों में एक भी शिकायत न आने से पूरी योजना ही सवालों के घेरे में है। अभी तक ये भी तय नहीं हो सका है कि चौकियां कहां-कहां बननी हैं? और आगे की क्या प्लान है।

सीएम ने किया था ऐलान

आठ मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का शुभारंभ किया था। प्रत्येक मंडल में एक मॉडल चौकी चयनित की गई थी, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री ने ही किया था। कानपुर मंडल में इसके लिए सजेती की महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकी तय हुई थी। इसके अलावा कहा गया कि हर एसपी के जोन में एक महिला रिपोर्टिंग चौकी होगी। इसके तहत काकादेव, कलक्टरगंज और बाबूपुरवा के नाम तय हुए। इन चौकियों के लिए बाकायदा स्टाफ भी तय कर दिया गया था। लेकिन, अब तक चौकियां सिर्फ कागजों में ही चल रही हैं। ऐसे महिलाएं अपनी शिकायत लेकर जाएं ताे कहां?

दयनीय स्थिति में प्रोजेक्ट

डीआइजी ने बताया कि शासन ने महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकियां केवल रूरल एरियाज में ही खोलने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने चौबेपुर व सचेंडी का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। एक-एक दिन बीतता जा रहा हैं। सीएम का ये ड्रीम प्रोजेक्ट बेहद दयनीय स्थिति में है। पूर्वी क्षेत्र में कलक्टरगंज थाने, पश्चिम में काकादेव थाने और दक्षिण में बाबूपुरवा थाने में इन चौकियों की शुरुआत की गई है। इन चौकियों पर महिला क्राइम संबंधी सभी शिकायतें सुनने के लिए कहा गया था।

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ये किए गए थे वादे

घरेलू हिंसा जैसी शिकायतों के मामले में पुलिस काउंसलर की मदद से काउंसिलिंग कराने के लिए भी कहा गया था। अगर तब भी मामला नहीं सुलझता है तो केस दर्ज किये जाने के लिए कहा गया था। प्रत्येक चौकी पर एक महिला चौकी इंचार्ज, दो महिला हेड कांस्टेबल व चार पुरुष सिपाहियों की तैनाती की जाएगी। मामलों की सुनवाई व शिकायत दर्ज करने की जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मियों की होगी। दबिश पर जाने और ड्यूटी के दौरान गश्त के लिए पुलिस जीप और नोटिस सर्व करने के लिए दो बाइक देने की बात कही गई थी।

ये हैं हालात

बाबूपुरवा में चूंकि पहले से ¨पक चौकी चल रही थी, इसलिए यहां तो संशाधन हैं, मगर अन्य चौकियों में सुविधाएं व संशाधन अब तक नदारत हैं। यहां तक कि सजेती की चौकी में कम्प्यूटर व अन्य सामान न होने की वजह से यहां कोई शिकायत दर्ज नहीं हो रही। काकादेव व कलक्टरगंज में महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों के सिर्फ बोर्ड लग गए हैं।

शासन से बजट का इंतजार है। उस बजट से ही संसाधन जुटाए जाएंगे। नई योजना है, रफ्तार पकड़ने में कुछ समय लगेगा।

डॉ। प्री¨तदर सिंह, डीआइजी / एसएसपी कानपुर