कानपुर (ब्यूरो) सीओ सुशील कुमार दुबे ने बताया कि दो जनवरी की रात को आगापुर निवासी मुजफ्फरअली के घर पर छह बदमाशों ने डकैती डाली थी। इस दौरान मुजफ्फर अपने बेटे अजमेरी के साथ ट्रक लेकर हैदराबाद गया था। घर पर सिर्फ महिलाएं थीं। इसमें मुजफ्फर की मां शलीमन, पत्नी शकीला, बेटी शानू, बहू चांदनी व उसका दो माह का मासूम बेटा था। बदमाशों ने ब्लेड से हमला कर शकीला और शानू को घायल कर दिया था। बदमाशों ने दो मोबाइल, जेवर व नौ हजार की नगदी लूटी थी।

सर्विलांस से मिली जानकारी
जांच में पता चला कि कानपुर देहात के गजनेर का रहने वाला सैमुद्दीन उनके घर अक्सर आता जाता था। सैमुद्दीन मुजफ्फर अली का रिश्ते में साला लगता है। उसे ट्रेस किया गया तो घटना के वक्त उसकी लोकेशन घटनास्थल पर ही थी। मंगलवार दो बजे सर्विलांस टीम से सूचना मिली कि सैमुद्दीन अपने साथियों संग फिर किसी घटना को अंजाम देने के लिए वैन से जा रहा है। रात में ही पुलिस ने उन्हें रठिगांव मोड़ के पास गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पुलिस ने 4 तमंचे, कारतूस, लूटे गए दो मोबाइल, चाकू व 4500 रुपये नकद मिले हैं। पुलिस ने बताया कि जेवरात लूटने की बात गलत है क्योंकि जेवरात नकली थे, इसलिए बदमाशों ने उन्हें छोड़ दिया था।

सारे बदमाश नई उम्र के
पकड़े गए सारे बदमाश नई उम्र के हैं। इनका सरगना कानपुर देहात के गजनेर का सैमुद्दीन है। उसके साथी गजनेर के ही देवी सिंह, कानपुर के बजरिया नाला रोड निवासी शालुू, महाराजपुर के छतमरा गांव निवासी मुख्तार अहमद, महराजपुर के तिलसहरी बुजुर्ग निवासी शिवाकांत उर्फ पूती, कानपुर के कर्नलगंज ईदगाह कब्रिस्तान निवासी मेहताब को गिरफ्तार किया गया है।

इसलिए रची डकैती की साजिश
सैमुद्दीन ने बताया कि मुजफ्फर अली ने साल भर पहले ही ट्रक लिया था। उसे लगता था कि मुजफ्फर अली के पास काफी रुपया है। जब उसे पता चला कि मुजफ्फर अली अपने बेटे के साथ बाहर है तो उसने डकैती की साजिश रची। डकैती के दौरान जब ज्यादा रुपया नहीं मिला तो उसे लगा कि घर की महिलाएं झूठ बोल रही हैं, इसलिए उसने ब्लेड से हमला कर दिया।