कानपुर (ब्यूरो) टीम को टूटी चूडिय़ां, फूस में फंसे बाल। मिट्टïी की दीवारों पर जलने के बाद मांस के टुकड़े, दो ज्वलनशील पदार्थों की महक, जले हुए कपड़े के टुकड़े, शवों की उंगलियों पर नाखून के निशान, मां बेटी के दांत समेत कई ऐसे इविडेंस मिले जो हादसे की हकीकत को बयां करते दिखाई दिए। टीम की मानें तो मां बेटी को चारकोल बनने में 30 से 35 मिनट का समय लगा होगा। फॉरेंसिक टीम ने कई तरह के लिक्विड और केमिकल इस्तेमाल कर इविडेेंस कलेक्ट किए हैैं। टीम ने मौके की मिट्टïी भी सैैंपल के तौर पर भरी हैैं।
ब्रीदिंग पाइप में मिला कॉर्बन
मां प्रमिला और बेटी नेहा के ब्रीदिंग पाइप में कॉर्बन भरा मिला है। वहीं बैकबोन में भी फ्रैक्चर मिले हैैं। सिर की हड्डी भी तीन तीन जगह से टूटी मिली है। अब आग की गर्मी की वजह से ये हुआ, जमीन पर गिरने की वजह से या दीवार से टकराने की वजह से। ये जांच का विषय है। फूस की छत के बीच लगे बांस भी सिर पर गिरने की वजह से हड्डी टूटने की बात हो सकती है। फिलहाल कलेक्ट किए गए सारे इविडेंस लैब में जांच के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है। बेटी के हाथ पर दबा हुआ थोड़ा मांस मिला है।
डीएनए जांच के लिए भेजे जाएंगे बाल
फॉरेंसिक टीम के मुताबिक, मां बेटी के नाखून और बाल के अलावा जो इविडेंस मौके से मिले हैैं। वे डीएनए जांच के लिए भेजे जाएंगे। दरअसल नेहा वयस्क थीं और मां भी पूर्ण व्यस्क थी, इसलिए छाती और कूल्हे की हड्डी भी एक ही नाप की मिली है। इस वजह से मां बेटी के शव में कौन मां का है और कौन बेटी का है। ये जानना कुछ मुश्किल है।