अमरीकी अधिकारियों के अनुसार साल 2007 में जब एलगजेंडर और थोमस हंटर ने एक जाली रोबोट की सहायता से कई लोगों से साथ धोखाधड़ी की तब उनकी उम्र 16 वर्ष की थी। हंटर भाइयों ने कथित तौर पर लगभग 75,000 निवेशकों को अपने जाल में फंसाया जिनमें से अधिकतर अमरीका में थे।

नवंबर महीने में न्यूकास्ल क्राउन कोर्ट ने एलगजेंडर हंटर को 10 लाख डॉलर यानी लगभग पांच करोड़ रुपए वापिस करने और 12 महीने की सजा का आदेश दिया था।

क्या थी स्कीम

शुक्रवार को न्यू यार्क की एक अदालत में जमा किए गए शपथपत्र के मुताबिक निवेशकों ने 47 डॉलर उस सूचना पत्र को खरीदने के लिए दिए जिसमें मार्ल नाम के इस रोबोट के चुने गए शेयरों का जिक्र होता था और 97 डॉलर इस सॉफ्टवेयर के 'देसी संस्करण' के लिए दिए।

अधिकारियों के अनुसार दरअसल कोई रोबोट था ही नहीं बल्कि उसमें केवल वही शेयर होते थे जिन्हें हंटर चुनते थे। इसके अलावा विटली बे में अपने अभिभावकों के साथ रहने वाले ये जुड़वां भाई उन कंपनियों से 19 लाख रुपए लेते थे जो उनके न्यूजलैटर में और उनके सॉफ्टवेयर में छपना चाहते थे।

स्टॉक बाजार पर नियंत्रण की जिम्मेदार सिक्योरिटीज और एक्सेंज कमिशन की एक मिसाल के तौर पर मार्ल ने साल 2008 में एक संगीत की कंपनी यूओएमओ मीडिया के शेयर को चुना, उसके एक शेयर की कीमत को दोगुना करके 69 सेंट किया और फिर एक साल बाद उसे बढ़ा कर 1.06 डॉलर कर दिया।

इस कंपनी ने सितंबर 2010 के बाद से एक रुपए का भी व्यापार नहीं किया है। इस भाइयों का दावा है कि मार्ल उन सस्ते शेयरों को चुनता था जिनकी कीमत 200 से 400 प्रतिशत बढ़ने की कगार पर होते थे।

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