कानपुर(ब्यूरो)। अगर आपको भी कानपुर से चेन्नई का सफर करना है तो अब आपको कानपुर से झांसी और झांसी से चेन्नई के लिए अलग-अलग टिकट व फेयर नहीं देना होगा। क्योंकि रेलवे ने कोरोना काल में बंद की गई ब्रेक जर्नी टिकट सर्विस को लगभग ढाई साल बाद फिर से चालू कर दिया है। अब आप कानपुर सेंट्रल स्टेशन से सीधा चेन्नई के लिए एक टिकट बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको अलग-अलग टिकट व बनवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ब्रेकजर्नी टिकट से लाभ
रेलवे के जिन रूटों पर सीधी ट्रेन नही है। उनमें यात्रा करने के लिए वह पैसेंजर्स को ब्रेक जर्नी टिकट की सुविधा देता है। जिसमें आरंभ स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक किलोमीटर का आंकलन कर फेयर व रिजर्वेशन शुल्क लगाकर ब्रेकजर्नी टिकट जारी किया जाता है। जिससे पैसेंजर्स को दो अलग-अलग ट्रेनों में अलग-अलग रिजर्वेशन करवाने की जरूरत नहीं रहेगी। एक ही टिकट पर दो ट्रेनों में पैसेंजर्स को रिजर्वेशन की सुविधा मिल जाएगी।
ढाई साल बाद बहाल हुई सेवा
रेलवे ने कोरोना काल में रूटीन ट्रेनों का संचालन बंद कर स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया था। लिहाजा अभी तक ब्रेकजर्नी टिकट की सर्विस बंद थी। कोरोना केसेस कम होने के लगभग ढाई साल बाद रेलवे ने पैसेंजर्स की समस्या को देखते हुए दोबारा इस सर्विस को बहाल किया है। जिससे पैसेंजर्स को ब्रेक जर्नी करने पर अलग-अलग टिकट लेने की जरूरत न पड़े। अभी तक पैसेंजर्स को ब्रेक जर्नी करने पर अलग-अलग टिकट लेने के साथ किराया व आरक्षण चार्ज का एक्स्ट्रा भुगतान करना पड़ रहा था।
सिर्फ स्लीपर क्लास में
रेलवे ने ब्रेकजर्नी टिकट सर्विस शुरू करने के साथ यह भी आदेश जारी किया है कि यह सुविधा पैसेंजर्स को सिर्फ स्लीपर कोच में मिलेगी। एसी कोच में जर्नी करने वाले पैसेंजर्स को ब्रेकजर्नी टिकट की सुविधा नहीं मिलेगी।
-जिन रूटों पर सीधी ट्रेन नही है, उस रूट पर रेलवे देता है यह सुविधा
-आरंभ स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक ब्रेकजर्नी टिकट जारी किया जाता है
-पैसेंजर्स को दो अलग-अलग ट्रेनों में अलग-अलग रिजर्वेशन की जरूरत नहीं
- एक ही टिकट पर दो ट्रेनों में पैसेंजर्स को रिजर्वेशन की सुविधा मिल जाएगी।
- फिलहाल स्लीपर क्लास में ही ब्रेकजर्नी की सुविधा दी जाएगी
कोट
पैसेंजर्स की समस्या को देखते हुए ब्रेकजर्नी टिकट सर्विस दोबारा शुरू कर दी गई है। इससे लाखों पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी। पैसेंजर्स को अलग-अलग टिकट खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डॉ। शिवम शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआर