उनके मुक़ाबले डेमोक्रेटिक पार्टी का कोई बड़ा उम्मीदवार नहीं था जिसकी वजह से जिंदल को एक बड़ी जीत हासिल हुई। भारतीय मूल के जिंदल के सामने नौ उम्मीदवार थे और इन चुनाव में कोई प्रत्याशी एक ही बार में तभी जीतता है अगर उसे 50 प्रतिशत से ज़्यादा मत हासिल हों।
जिंदल को दो तिहाई से ज़्यादा मत हासिल हुए। उनकी नज़दीकी प्रतिद्वन्द्वी टारा होलिस उत्तरी लुईज़ियाना से थीं और डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी थीं मगर उन्हें सिर्फ़ 20 प्रतिशत मत ही हासिल हुए।
जीत के बाद जिंदल ने कहा, "मैं अगले चार वर्षों के हर दिन, हर घंटे का इस्तेमाल लुईज़ियाना के लिए करूँगा। मैं अपनी पिछली उपलब्धियों से ही संतु्ष्ट हो जाना नहीं चाहता। मैं आराम में यक़ीन नहीं रखता."
जिंदल का राज्य में इतना ज़बरदस्त प्रभाव है कि वहाँ से विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का तो लगभग सफ़ाया ही हो गया है। जिंदल भारतीय मूल के पहले ऐसे अमरीकी हैं जो अमरीका में गवर्नर के पद तक पहुँचा हो।
कई लोग उन्हें आगे चलकर राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भी देखते हैं। उन्होंने हाल ही में एक पुस्तक प्रकाशित की है और वह नियमित तौर पर टेलिविज़न चैनलों पर भी दिखते हैं।
मगर उन्होंने 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था बल्कि उन्होंने टेक्सस के गवर्नर रिक पेरी को रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए समर्थन घोषित किया है।
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