- मेडिकल कॉलेज, उर्सला और आईएमए के ब्लड बैंकों में बी और ओ निगेटिव गु्रप का ब्लड खत्म

- मेडिकल कॉलेज में महज 19 यूनिट बचा ब्लड, पॉजिटिव गु्रप का भी टोटा, डोनेशन कैंप न लगने से किल्लत

KANPUR : सिटी के तीन सबसे प्रमुख ब्लड बैंक ब्लड की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज जहां सिटी का सबसे बड़ा ब्लड बैंक है। वहां भी ब्लड की उपलब्धता का थर्सडे तक यह हाल था कि महज 19 यूनिट ब्लड बचा था। इसमें भी दो निगेटिव ब्लड गु्रपों में 5 यूनिट और बाकी दो निगेटिव गु्रपों में एक यूनिट ब्लड भी नहीं बचा था। मालूम हो कि सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल डॉक्टर्स इन्हीं तीन ब्लड बैंकों से ब्लड लाना ज्यादा प्रिफर करते हैं। ऐसे में कोरोना काल में ब्लड की इस भारी किल्लत के बीच मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। खास तौर से ब्लड कैंसर, थैलीसीमिया, प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए ब्लड ला पाना अब खास मुश्किल हो गया है। ब्लड बैंकों में ब्लड की क्राइसेस की बड़ी वजह बंदी भी बताई जा रही है। स्कूल कॉलेज बंद होने से बड़े ब्लड डोनेशन कैंप नहीं लग पा रहे हैं। साथ ही सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी ब्लड डोनेशन नहीं होने की वजह से ब्लड की इतनी कमी हाे गई है।

निगेटिव गु्रप वालों को परेशानी

थर्सडे को सिटी के तीन प्रमुख ब्लड बैंकों में बी और ओ निगेटिव ब्लड की एक भी यूनिट नहीं थी। इन तीनों ब्लड बैंकों में निगेटिव गु्रप के ब्लड की कुल 8 यूनिट ही थीं। मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में ए और एबी निगेटिव गु्रप का 5 यूनिट ब्लड था। उर्सला ब्लड बैंक में एबी निगेटिव के अलावा कोई दूसरे निगेटिव गु्रप का ब्लड नहीं था। आईएमए चैरिटेबल ब्लड बैंक में भी ए और एबी निगेटिव के अलावा किसी और निगेटिव ब्लड गु्रप का ब्लड नहीं था।

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इनकी बढ़ी मुसीबत

थैलीसीमिया पेशेंट्स, ब्लड कैंसर पेशेंट्स, डायलिसिस पर रहने वाले सीकेडी के रोगी और एनीमिया से ग्रसित प्रेगनेंट महिलाएं।

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तीन सबसे बड़े ब्लड बैंकों में थर्सडे को ब्लड की अवेलबिलिटी-

(पैक रेड ब्लड सेल की स्थिति)

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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज-

ब्लड गु्रप- पॉजिटिव-निगेटिव

ए-2-4

बी-8-0

एबी-3-1

ओ-1-0

प्लेटलेट-27

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उर्सला अस्पताल-

ब्लड गु्रप- पॉजिटिव- निगेटिव

ए- 19-0

बी- 76-0

एबी- 15-1

ओ- 27-0

प्लेटलेट-6

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आईएमए चैरिटेबल ब्लड बैंक-

ब्लड ग्रुप-पॉजिटिव- निगेटिव

ए- 8-1

बी- 119-0

एबी- 1-1

ओ- 90-0

प्लेटलेट-10

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कानपुर में प्रतिमाह ब्लड की औसत डिमांड- 4000 यूनिट

थैलीसीमिया पेशेंट्स की प्रति महीने ब्लड की डिमांड- 500 यूनिट

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'' स्कूल कॉलेज बंद चल रहे हैं सामाजिक संस्थाओं के आयोजन भी नहीं हो रहे हैं। इस वजह से ब्लड डोनेशन कम हो गया है। इसी वजह से ब्लड की क्राइसेस है। हम लगातार संस्थाओं से ब्लड डोनेशन को लेकर बात कर रहे हैं। साथ ही अपील कर रहे हैं कि ब्लड डोनेट करें.''

-प्रो। लुबना खान, प्रभारी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक