कई लोग इसी तरह से सोशल साईट पर मर्दों से दोस्ती करते हैं फिर उनसे वेबकैम के सामने निर्वस्त्र होने की गुहार की जाती है। ऐसा करते ही उनकी तस्वीरें रिकॉर्ड कर ली जाती हैं जिसके बाद धमकी मिलने और ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है।
धमकी मिलती है कि अगर उन्होंने पैसे न दिए तो इस तरह की बात फैला दी जाएगी कि वो बाल यौन शोषण में लिप्त हैं। फ़्रांस की पुलिस का कहना है कि उन्हें हर दिन इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे बहुत सारे मामले शायद पुलिस के पास पहुंच ही नहीं रहे।
तजुर्बा
इस तरह के धोखे में फंस चुके एक शख्स इस शर्त पर अपना तजुर्बा बताने को तैयार हैं कि उनकी पहचान ज़ाहिर नहीं की जाएगी। वो कहते हैं, "उसने मुझे मैसेज भेजा, मैं बहुत ख़ुश था क्योंकि लड़कियां सामान्यत: इन मामलों में पहल नहीं करती हैं."
"उसने मुझसे कहा कि वो फ्रांस के लियोन की रहने वाली है, लेकिन फिलहाल छुट्टियों बिताने आईवरी कोस्ट में है। हमने कुछ देर एमएसएन पर चैट किया जिस दौरान मैंने उसका वीडियो भी देखा। वो एक बहुत ख़ुबसुरत फ्रांसीसी लड़की थी, बहुत ही ख़ुबसुरत."
"कुछ देर के बाद मुझे साइट पर उसका वीडियो दिखने लगा जिसमें वो अपने कपड़े उतार रही थी। मुझे बिल्कुल अहसास नहीं हुआ कि ये रिकॉर्डेड वीडिया था, मुझे लगा ये लाइव है."
इरादा
लेकिन फिर उसका असल मक़सद साफ़ हो गया। "लगभग पांच मिनट बाद ही मुझे एक मैसेज मिला: मैंने आपकी पूरी हरकत की रिकॉर्डिंग की है, ये है वो वीडियो। अगर आपने हमें पैसे नहीं भेजे तो इस रिकॉर्डिंग को यूट्यूब पर डाल दिया जाएगा."
अपनी कहानी बता रहे 28-वर्षीय युवक कहते हैं, "मैंने उस वीडियो को देखा, मैं अपना चेहरा साफ़ तौर पर देख सकता था उसमें सब कुछ दिख रहा था."
वीडियो के नीचे पीड़ित युवक का नाम था, साथ ही लिखा था कि वो एक लड़की के सामने अश्लील हरकतें कर रहे थे। उनसे 600 डॉलर अबिदजान के एक पते पर भेजने की मांग की गई थी।
बदनामी का डर
पुलिस का कहना है कि दुर्भाग्य से इस तरह के मामले इतने निजी होते हैं कि ज़्यादातर लोग पुलिस के पास जाते ही नहीं। लोगों की मान-मर्यादा का प्रबंधन करने वाली कंपनी 'रेप्यूटेशन स्क्वॉड' कहना है कि जो लोग इस तरह के जाल में फंसते हैं वो कई तरह की कहानियां गढ़ते हैं और सीधे तौर पर नहीं बताना चाहते कि वो किसी से इंटरनेट पर मिले और कैमरे पर कपड़े उतारने को तैयार हो गए। लेकिन कंपनी का कहना है इस तरह के 95 फ़ीसद मामले इंटरनेट ब्लैकमेल के होते हैं।
कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां पैसे न दिए जाने की सूरत में ब्लैकमेल करनेवाले पुलिस का भेस बनाकर लोगों के घर तक पहुंच गए हैं।
जानकारों का कहना है कि लोगों को मालूम होना चाहिए कि इंटरनेट पर डाली गई चीज़ वहां से हटाई भी जा सकती है और यूट्यूब सेक्स से संबंधी वीडियो अपने साइट पर नहीं रहने देते हैं।
पुलिस का कहना है कि जो सीधे पुलिस को इस तरह के मामले की जानकारी देने से डरते हैं वो कम से कम इसे उनकी वेबसाइट पर डाल सकते हैं।
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